मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारत के लोगों की सोच में विज्ञान, तकनीक, समाज और संस्कृति आज से नहीं, हजारों वर्षों से रही है। भारत विश्व कल्याण को नई दिशा प्रदान कर रहा है। सारा विश्व एक परिवार है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य की बात की है, जो भारत की प्राचीन सोच है। भारत का हर बच्चा कहता है कि ‘धर्म की जीत, अधर्म का विनाश, जीवों में सद्भाव और विश्व का कल्याण’। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने होटल ताज में जी-20 के तहत “कनेक्टिंग साइंस टू सोसाइटी एंड कल्चर” विषय पर आयोजित साइंस-20 सम्मेलन में आमंत्रित राज्यों एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के जी-20 सदस्य देशों के वैज्ञानिक समुदाय के प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए यह बात कही. .
विज्ञान का उपयोग समाज के कल्याण के लिए सीमित तरीके से किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रकृति का दोहन नहीं होना चाहिए, मानव कल्याण के लिए उसका सही दिशा में दोहन किया जाना चाहिए। प्रकृति की पूजा करें। तकनीक मनमानी करने के लिए नहीं है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का व्यर्थ दोहन नहीं होना चाहिए। विज्ञान तकनीक का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। इसका उपयोग सुशासन के लिए किया जाना चाहिए। विज्ञान का उपयोग समाज के कल्याण के लिए सीमित तरीके से किया जाना चाहिए। वैज्ञानिकों का यह कर्तव्य है कि वे विज्ञान का उपयोग विनाश के लिए नहीं बल्कि रचनात्मकता के लिए करें। लोगों की समस्याओं को हल करने, उनके कल्याण और आने वाली पीढ़ियों के लिए पृथ्वी को रहने योग्य बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग करें। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सिर्फ दुनिया की बेहतरी के लिए होना चाहिए।
पर्यावरण संतुलन बनाए रखना जरूरी है
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भौतिक और नैतिक दोनों में समन्वय स्थापित करने के लिये तकनीक का उपयोग करना बेहतर है। विज्ञान का उपयोग लोगों के जीवन स्तर की बेहतरी और सुधार के लिए किया जाना चाहिए। हमें पर्यावरण संतुलन बनाए रखने और प्रदूषण के प्रसार को रोकने के उपायों को सुनिश्चित करना होगा। इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि पेड़-पौधे, कीड़े-मकोड़े और जानवरों की प्रजातियां खत्म न हो जाएं। जियो और जीने दो के सिद्धांत का पालन करते हुए सभी के कल्याण में योगदान दें। विज्ञान का असीमित उपयोग नहीं होना चाहिए। हम सब एक हैं, एक चेतना। प्यार, स्नेह, शांति और आत्मीयता बनाए रखते हुए हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े रहें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रारंभ में सम्मेलन में आये प्रतिनिधियों का स्टॉल भेंट कर स्वागत किया. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश देश का दिल है। देश के दिल की राजधानी भोपाल में आपका हार्दिक स्वागत है। उल्लेखनीय है कि एस-20 जी-20 का ही एक हिस्सा है। यह वैज्ञानिक तरीके से लोगों की समस्याओं को समझने और हल करने की कोशिश करता है। सम्मेलन में विज्ञान को समाज और संस्कृति से जोड़ने पर गहन चर्चा हुई।
भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष और पद्म विभूषण से सम्मानित डॉ. राजगोपाल चिदंबरम, इंडोनेशिया के प्रतिनिधि प्रो. अहमद नजीब बुरहानी, ब्राजील के प्रतिनिधि प्रो. सुशासन एवं नीति विश्लेषण, प्रो. सचिन चतुर्वेदी, डॉ. आलोक श्रीवास्तव एवं श्री अजय प्रकाश साहनी सहित अन्य वैज्ञानिक प्रतिनिधि उपस्थित थे।