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रवींद्र भवन में संवाद व अभिनंदन समारोह में सम्मानित हुए छात्र-छात्राएं……

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश के छात्र लगातार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रतिभा के आगे बढ़ने में कोई बाधा नहीं आती। बेटा हो या बेटी, सामान्य बच्चे हों या दिव्यांग, अमीर हों या गरीब, प्रतिभाशाली बच्चों ने सभी बाधाओं को तोड़कर सफलता का परिचय दिया है। निश्चित रूप से मध्य प्रदेश को इन छात्रों पर गर्व हो सकता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज भोपाल के नवीन रवीन्द्र भवन में अखिल भारतीय सिविल सेवा (यूपीएससी) में चयनित प्रदेश के युवाओं तथा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में मेधा सूची के विद्यार्थियों के संवाद एवं अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे.

मध्यप्रदेश भी पीछे नहीं रहेगा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बेटियों की तरह अब हायर सेकेंडरी में टॉप करने वाले बेटों को भी ई-स्कूटी दी जायेगी. मुख्यमंत्री श्री चौहान ने यूपीएससी में चयनित 10वीं और 12वीं कक्षा के मेरिट लिस्ट के विद्यार्थियों के साथ ही प्रदेश के 53 विद्यार्थियों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 में जहां केवल 38 छात्रों का यूपीएससी में चयन हुआ, वहीं वर्ष 2021 में 39 छात्रों और इस वर्ष 53 छात्रों ने सफलता हासिल की है. अब मध्यप्रदेश भी पीछे नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी चयनित विद्यार्थियों को बधाई दी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विद्यार्थियों के उत्साह को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सफलता किसी की मोहताज नहीं होती है. लक्ष्य निर्धारित हो और संकल्प मजबूत हो तो विद्यार्थी रोडमैप बनाकर मेहनत से ऊंचाइयों को छूते हैं।

यूपीएससी में चयन नौकरी नहीं बल्कि जीवन का बलिदान है

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह मेरे लिए सबसे खुशी का क्षण है और मैं चाहता हूं कि अधिक संख्या में छात्र सफल हों, ताकि मुझे लगातार छात्रों को पुरस्कृत करने का अवसर मिले. उन्हें यह सफलता गुरुओं की कृपा, ईश्वर की कृपा और छात्रों की मेहनत से मिली है। संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में चयनित छात्र देश के लोगों के जीवन को बदलने के लिए आगे आए हैं। यह सिर्फ नौकरी नहीं बल्कि जीवन का बलिदान है। मेरी कामना है कि वे छात्र बेहतर सेवा देकर हीरो बनें। मुख्यमंत्री ने कहा कि असफलता से कभी नहीं डरना चाहिए। सफलता और असफलता को समान रूप से स्वीकार करें। असफलता को सफलता में बदलो।

विद्यार्थी स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गीता के श्लोकों और स्वामी विवेकानंद के विचारों का उदाहरण देकर छात्रों को प्रोत्साहित कर अपने स्वास्थ्य के प्रति गंभीर रहने का भी आह्वान किया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि संतुलित जीवन अपनाएं, नियमित दिनचर्या से शरीर को स्वस्थ रखें, ध्यान व योग आदि से एकाग्रता बढ़ाएं और पूरी लगन से अपना काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री मेधावी योजना के तहत आठ लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के विद्यार्थियों को मेडिकल, इंजीनियरिंग, आईआईटी, शिक्षण संस्थानों में शिक्षण शुल्क देने की व्यवस्था की गई है. विद्यार्थियों को चाहिए कि वे अपने जीवन को सार्थक बनाएं और बेहतर कार्य करके दिखाएं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ई-पुस्तिका का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सफल विद्यार्थियों श्री शिवम यादव दतिया, सुश्री संस्कृति सोमानी धर, सुश्री गुंजीता अग्रवाल भोपाल, सुश्री स्नेहा लोधी नरसिंहपुर, श्री अनुज ठाकुर नर्मदापुरम और सुश्री अनामिका ओझा भोपाल से भी बातचीत की। उन्होंने दो दिव्यांग छात्रों श्री जतिन और सुश्री अर्पिता को भी सम्मानित किया।

विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान से दिल की बात कही

मुख्यमंत्री श्री चौहान से संवाद एवं सम्मान समारोह में काफी देर तक प्रतिभावान एवं सफल छात्र-छात्राएं दिल खोलकर बातें करते रहे। यूपीएससी द्वारा चयनित सुश्री गुंजीता (एआईआर 26) ने कहा कि वे मुख्यमंत्री श्री चौहान की भोपाल को बौद्धिक राजधानी बनाने की बात से बहुत प्रभावित हैं। सुश्री संस्कृति सोमानी ने कहा कि धार जिले के बदनावर में तैयारी करते हुए वे ऑल इंडिया रैंक 49 प्राप्त करने में सफल रही हैं। उन्हें कभी बिजली की समस्या या इंटरनेट की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। श्री शिवम यादव (एआईआर 21) ने कहा कि उन्होंने किसी संस्थान में प्रवेश नहीं लिया है। बल्कि उन्होंने खुद यूपीएससी की तैयारी की है। बोर्ड परीक्षा में मेरिट लिस्ट में आने वाले पवारखेड़ा के श्री अनुज ठाकुर ने कहा कि उनकी सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री उदय विद्यालय में दी जा रही सुविधाओं और मुख्यमंत्री श्री चौहान से मिली प्रेरणा को जाता है. कृषि क्षेत्र में कार्य करने की मंशा से कृषि संकाय का चयन किया गया है। भोपाल की अनामिका ओझा ने कहा कि शिवराज मामा से लैपटाप मिलने की उम्मीद और शिक्षकों के मार्गदर्शन ने सफलता दिलाई.

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