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रेशम के धागे से अपने जीवन की डोर को मजबूत करने का प्रयास….

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गोबंद गांव के किसान श्री तितरा कुमार जगत रेशम के धागे से अपने जीवन की डोर को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं और इस प्रयास में छत्तीसगढ़ सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है. उनका जीवन रेशम के धागों से सजाया जाता है। जिले के अन्य किसानों की तरह श्री जगत रेशम विस्तार एवं विकास योजना एवं तसर मधुमक्खी पालन कार्य के तहत प्रकोष्ठ का निर्माण करते हैं। किसान अब गांव में सरकार द्वारा संचालित तसर बीज कोसा कल्टीवेशन सेंटर में खेती, दिहाड़ी मजदूरी के साथ-साथ कोसा के बीज से कीड़े भी पाल रहे हैं। प्रति वर्ष दो फसलें उगाकर वे कृषि मजदूरी के साथ अतिरिक्त आय अर्जित करते हैं। उन्होंने पिछले साल 100,000 रुपये से ज्यादा की कमाई की थी।


सकरी तहसील जिले के गोबंद गांव के किसान श्री तीत्र कुमार जगत रेशम की खेती की ओर अग्रसर हैं। कार्यक्रम में प्रवेश करने से पहले उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। परिवार के पालन-पोषण, बच्चों के पालन-पोषण तथा अन्य घरेलू कार्यों के लिए केवल मजदूरी पर निर्भर रहने के कारण अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। श्री जगत ने कहा कि योजना से जुड़ने के बाद अब वे कृषि कार्य में लगे हैं। अपने मजदूरी के काम के अलावा, कोसा गांव में सरकार द्वारा संचालित तसर बीज कोसा हैचरी में कीड़ों का प्रजनन करता है। सरकारी वर्मीकल्चर सेंटर में कोसा कुल दो फसलें उगाता है।

जिसमें तीन फसलों का वर्मीकल्चर चल रहा है, पहली फसल का कार्य पूर्ण हो चुका है। इससे पहली फसल में 9480 कोसा फल प्राप्त हुए और 2.5 लाख रुपये की आय हुई। 18 हजार 10 का उत्पादन भी हुआ। रेशम केंद्र में रेशम विस्तार के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के तहत किये गये श्रम कार्य एवं तसर पौधों के रख-रखाव से कुल 59 हजार 508 रुपये की आय हुई।

इसी तरह केंद्र में कुल दो तसर फसल उगाकर 22 हजार 658 नग कोसफल का उत्पादन किया गया। इससे 65 हजार 168 रुपये की आय हुई। साथ ही केंद्र में मनरेगा कार्यक्रम के तहत जल संरक्षण कार्यों एवं नवीन पौधरोपण से 16 हजार 797 रुपये, तसर पौधों के संरक्षण हेतु विभागीय कृषि कार्यों से 18 हजार 171 रुपये,श्री जगत इस कार्य से जुड़कर बहुत प्रसन्न हैं। उनका कहना है कि अच्छी आमदनी होने से अब वे परिवार की जिम्मेदारियां बखूबी निभा पा रही हैं। बच्चों को पालने और पढ़ाने में कोई समस्या नहीं है। रेशम विभाग में समूह के माध्यम से नियमित कार्य होता है, जिससे परिवार का गुजारा अच्छे से होता है।

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