दो दिवसीय मां जीण भवानी पर्व आज से, मां के नाम की लगेगी मेंहदी
दो दिवसीय जीण भवानी उत्सव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। 24 दिसंबर से इसकी शुरुआत होगी और 25 दिसंबर को मां जीण भवानी का महापर्व मनाया जाएगा। इस मौके पर मिताली अरोड़ा का भजन कार्यक्रम भी होगा।
यह जानकारी श्री जीण माता सेवा समिति के पदाधिकारी अशोक लोहिया ने पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने कहा कि संस्कारधानी राजनांदगांव में भी 100 से अधिक परिवार मां जीण भवानी को कुलदेवी के रूप में पूजते हैं। 2016 में पहली बार, स्थानीय माँ जीण भवानी भक्तों ने सार्वजनिक रूप से एक भव्य माँ जीण भवानी उत्सव की परंपरा शुरू की। तब से लगातार इस वर्ष श्री जीण माता सेवा समिति के तत्वावधान में 24 व 25 दिसंबर 2022 को छठा वार्षिक मां जीण भवानी महोत्सव का दो दिवसीय भव्य आयोजन किया जा रहा है. श्रीमती निरंजन और श्रीमती शिम्मी राठौर, परिवार के वंशज जिन्होंने राजस्थान के चूरू जिले के घंघू गाँव में स्थापित मातारानी मंदिर का निर्माण किया) इस वर्ष उत्सव में विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। उनका परिवार वर्तमान में उक्त मंदिर में सेवा कर रहा है।
राजस्थान के सूरतगढ़ निवासी मां जीण भवानी की परमसेविका मिताली अरोड़ा द्वारा 25 दिसंबर रविवार को दोपहर 3 बजे से श्री जीण धाम उदयाचल के प्रांगण में मां जीण शक्ति मंगल पाठ का मधुर पाठ किया जाएगा। और 56 भोग के साथ ही भक्तों को मां भवानी के अलौकिक श्रृंगार के भव्य दर्शन होते हैं। मंगलपाठ के बाद शाम साढ़े सात बजे से मिताली अरोड़ा अपने सुरीले स्वर में भजन प्रस्तुत करेंगी।
कुलदेवी मातारानी के नाम पर मेंहदी 24 दिसंबर को सुबह 10:30 बजे से भक्तों, माताओं, बहनों और भाइयों को लगाई जाएगी। मुख्य महोत्सव कार्यक्रम रविवार 25 दिसंबर को सुबह 10 बजे श्री सत्यनारायण धर्मशाला से भव्य कलश यात्रा के साथ शुरू होगा। कलश यात्रा कमाठी लाइन, भारतमाता चौक, तिरंगा चौक, गंज होते हुए जीण धाम उदयाचल परिसर पहुंचेगी। जहां दोपहर 3 बजे से मंगलपथ शुरू होगा। रात 8 बजे से महाप्रसादी होगी।