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ईरान पर अमेरिकी हमले से टूटा शेयर बाजार, सेंसेक्स 700 और निफ्टी 180 अंक लुढ़का

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 मिडिल ईस्ट का तनाव: भारतीय शेयर बाजार में आई भारी गिरावट-सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में जोरदार गिरावट देखने को मिली। अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु केंद्रों पर हमले और मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव के कारण निवेशकों में घबराहट फैल गई।

 अमेरिकी हमले का असर: बाजार में आई भारी गिरावट-अमेरिका के हमले के बाद शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल मची रही। सेंसेक्स में 705.65 अंकों की गिरावट आई और यह 81,702.52 पर आ गया। निफ्टी भी 182.85 अंकों की गिरावट के साथ 24,929.55 पर बंद हुआ। यह गिरावट मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव का सीधा नतीजा है। निवेशक इस घटनाक्रम को लेकर काफी चिंतित दिखे।

 विश्लेषकों की राय: अल्पकालिक असर की उम्मीद-विश्लेषकों का मानना है कि भले ही यह हमला वेस्ट एशिया में तनाव को बढ़ा रहा हो, लेकिन इसका असर शेयर बाजार पर लंबे समय तक नहीं रहेगा। हॉर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की आशंका तो है, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। इसलिए, एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना ज़रूरी है। निवेशकों को घबराने की बजाय, स्थिति का धैर्यपूर्वक मूल्यांकन करना चाहिए।

कौन से सेक्टर हुए प्रभावित?-सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से टेक्नोलॉजी और कंज्यूमर सेक्टर सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए। इंफोसिस, एचसीएल टेक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, बजाज फाइनेंस जैसे बड़े शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। इससे निवेशकों में और भी बेचैनी बढ़ गई। यह गिरावट वैश्विक अनिश्चितता को दर्शाती है।

वैश्विक बाजारों का हाल: मिला-जुला रुख-एशिया के अन्य बाजारों में भी गिरावट देखी गई। कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225 और हांगकांग का हैंगसेंग लाल निशान में रहे। हालांकि, चीन का शंघाई एसएसई कंपोजिट थोड़ा बढ़त के साथ दिखा। अमेरिकी बाजारों में भी शुक्रवार को कमजोरी देखी गई थी। यह वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता को दर्शाता है।

तेल की कीमतों में उछाल: आयातक देशों के लिए चिंता-भू-राजनीतिक तनाव के कारण ग्लोबल ऑयल मार्केट भी प्रभावित हुआ है। ब्रेंट क्रूड की कीमत 1.69% बढ़कर 78.31 डॉलर प्रति बैरल हो गई। इससे आने वाले दिनों में तेल की कीमतें और बढ़ सकती हैं, जो भारत जैसे आयातक देशों के लिए चिंता का विषय है। तेल की बढ़ती कीमतें महंगाई को बढ़ा सकती हैं।

 एफआईआई का निवेश: भारत में विश्वास कायम-बाजार में गिरावट के बावजूद, विदेशी निवेशकों ने शुक्रवार को भारतीय इक्विटी में 7,940.70 करोड़ रुपये का निवेश किया। इससे पता चलता है कि ग्लोबल अनिश्चितता के बावजूद भारत के बाजार में स्थिरता को लेकर विश्वास बना हुआ है। यह भारत की अर्थव्यवस्था में विश्वास को दर्शाता है।

अस्थिरता बनी रह सकती है-शुक्रवार को बाजार में उछाल के बाद सोमवार की गिरावट से पता चलता है कि आने वाले समय में बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है, खासकर जब तक वेस्ट एशिया के हालात सामान्य नहीं हो जाते। निवेशकों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

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