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West Bengal Voter List Update: नाम कटा या नहीं, जानिए पूरी प्रक्रिया और आपकी भूमिका

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पश्चिम बंगाल की वोटर लिस्ट को लेकर बढ़ा सियासी विवाद: जानिए पूरी कहानी- पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट को लेकर इन दिनों राजनीतिक माहौल काफी गर्म है। 16 दिसंबर को स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की प्रक्रिया पूरी होने के बाद नई मतदाता सूची जारी की गई है। इस नई सूची को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी नेताओं ने आरोप लगाए हैं कि कई वैध मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, जिससे लोगों के वोट देने के अधिकार पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं, केंद्र सरकार और चुनाव आयोग ने साफ किया है कि यह केवल प्रारंभिक सूची है और इसमें सुधार की पूरी गुंजाइश है।

चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण: यह अंतिम सूची नहीं है- चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि 16 दिसंबर को जारी हुई वोटर लिस्ट अंतिम नहीं है, बल्कि यह एक मसौदा सूची है। इस सूची पर मतदाता और राजनीतिक दल दोनों अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। आयोग ने भरोसा दिलाया है कि किसी का नाम गलत तरीके से नहीं हटाया जाएगा और सभी को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और नियमों के तहत हो रही है ताकि कोई भी योग्य मतदाता मतदान के अधिकार से वंचित न रहे।

अगर आपका नाम कट गया है तो क्या करें?- अगर आपको लगता है कि आपका नाम वोटर लिस्ट से गायब है, तो घबराने की जरूरत नहीं। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने सभी जिलों की वेबसाइटें सक्रिय कर दी हैं, जहां आप ऑनलाइन अपने नाम और विवरण की जांच कर सकते हैं। यदि आपका नाम सूची में नहीं मिलता है, तो आप तुरंत आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। यह अधिकार सिर्फ राजनीतिक दलों को ही नहीं, बल्कि आम मतदाताओं को भी दिया गया है। सही दस्तावेजों के साथ आप अपना नाम दोबारा सूची में जोड़वा सकते हैं।

आपत्ति दर्ज कराने की प्रक्रिया कैसे है?- चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, मसौदा वोटर लिस्ट जारी होने के बाद दावे और आपत्तियों का दौर शुरू होता है, जो फरवरी 2026 तक चलेगा। इस दौरान जिन मतदाताओं की जानकारी संदिग्ध पाई जाएगी, उन्हें सत्यापन के लिए बुलाया जाएगा। वे पासपोर्ट, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, सरकारी पेंशन खाता, जाति प्रमाण पत्र जैसे वैध दस्तावेज जमा कर सकते हैं। जांच के बाद सही पाए जाने पर उनका नाम वोटर लिस्ट में फिर से जोड़ा जाएगा।

अंतिम वोटर लिस्ट कब होगी जारी?- चुनाव आयोग ने अंतिम मतदाता सूची जारी करने की अस्थायी तारीख 14 फरवरी 2026 तय की है। इसके बाद कोई भी दावा या आपत्ति स्वीकार नहीं की जाएगी। फिलहाल मतदाताओं और राजनीतिक दलों के पास पर्याप्त समय है कि वे अपनी शिकायतें दर्ज कराएं और गलतियों को ठीक कराएं। आयोग का लक्ष्य है कि अंतिम सूची पूरी तरह सही और भरोसेमंद हो ताकि आने वाले चुनाव में किसी भी नागरिक को मतदान से वंचित न होना पड़े।

पश्चिम बंगाल की इस वोटर लिस्ट विवाद की पूरी कहानी यही है। यह प्रक्रिया लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी है और हर मतदाता को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए।

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