ईडी रेड से डरी कारोबारी की पत्नी, भोपाल में जहरीला पदार्थ खाकर जान देने का प्रयास

भोपाल: ED की छापेमारी के बाद बिजनेसमैन की पत्नी ने जहर खाकर खुदकुशी की कोशिश भोपाल जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी के बाद, गुरुवार शाम कंपनी के संचालक किशन मोदी की पत्नी पायल मोदी ने अपने शाहपुरा बी-सेक्टर स्थित घर में जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। जहर खाने से पहले पायल ने एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) से जुड़े कुछ लोगों को अपनी हालत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। लोजपा नेताओं पर गंभीर आरोप सुसाइड नोट में पायल ने लिखा कि चंद्रप्रकाश पांडे और उनके भाई वेदप्रकाश पांडे, जो लोजपा से जुड़े हैं, उन्होंने उनकी कंपनी में चोरी की थी। इसको लेकर मामला भी दर्ज कराया गया था, लेकिन दोनों ने अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर खुद को बचा लिया। अब वे हमारी कंपनी के खिलाफ ईओडब्ल्यू, एफएसएसएआई, सीजीएसटी और अब ईडी की कार्रवाई करवा रहे हैं।
पति को जान से मारने की धमकी मिल रही थी पायल मोदी ने लिखा कि उनके पति किशन मोदी को कई बार जान से मारने की धमकी दी गई। इस वजह से वह मानसिक तनाव में थीं और तीन छोटे बच्चों को छोड़कर मरने के अलावा उनके पास कोई रास्ता नहीं बचा था। सुसाइड नोट में उन्होंने सुनील त्रिपाठी, भगवान सिंह मेवाड़ा और हितेश पंजाबी के नाम भी लिखे हैं। पुलिस जल्द दर्ज करेगी बयान चूनाभट्टी थाना प्रभारी भूपेंदर कौर संधू ने बताया कि पायल मोदी और उनके परिवार के बयान दर्ज किए जाएंगे। बता दें कि ईडी ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत भोपाल, सीहोर और मुरैना में कंपनी से जुड़े छह ठिकानों पर छापेमारी की थी।
66 करोड़ की संपत्ति से जुड़े दस्तावेज मिले इस कार्रवाई में ईडी ने 6.26 करोड़ रुपये की फिक्स डिपॉजिट को फ्रीज कर दिया। इसके अलावा, दो कारें और 25 लाख रुपये नकद भी जब्त किए गए। छापेमारी में कुल 66 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति से जुड़े दस्तावेज मिले हैं, जिनकी जांच जारी है। फर्जी लैब सर्टिफिकेट के जरिए मिलावटी दूध का कारोबार ED की यह कार्रवाई जयश्री गायत्री फूड कंपनी के खिलाफ ईओडब्ल्यू में दर्ज FIR और चार्जशीट के आधार पर हुई। जांच में पता चला कि कंपनी ने मिलावटी दूध उत्पाद बनाए और फर्जी लैब सर्टिफिकेट के जरिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में सप्लाई किए। कंपनी ने बीआईएस और एनएबीएल से मान्यता प्राप्त लैबों के फर्जी सर्टिफिकेट दिखाकर ईआईए इंदौर से निर्यात प्रमाण पत्र भी हासिल किया था। फिलहाल, पुलिस और ईडी इस पूरे मामले की जांच कर रही हैं।