पत्रकार की गिरफ्तारी पर कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने पीएम मोदी से दखल की अपील

पत्रकार की गिरफ्तारी पर बवाल: कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने पीएम मोदी से की जांच की मांग
गुवाहाटी: वरिष्ठ कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर असम पुलिस के कथित दुरुपयोग और एक पत्रकार की गिरफ्तारी की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। यह पत्रकार असम को-ऑपरेटिव एपेक्स बैंक (ACAB) में हुए कथित वित्तीय घोटाले से जुड़ी खबर को कवर कर रहा था। इस बैंक के निदेशक असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा हैं, जबकि इसके अध्यक्ष बीजेपी विधायक विश्वजीत फुकन हैं। गोगोई ने अपने पत्र में पत्रकार दिलावर हुसैन मजूमदार की गिरफ्तारी को “प्रेस की आज़ादी पर हमला” बताते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ एक पत्रकार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के लोकतंत्र, वित्तीय संस्थाओं की पारदर्शिता और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा से भी जुड़ा हुआ है। कैसे हुई पत्रकार की गिरफ्तारी? गुवाहाटी पुलिस ने वरिष्ठ पत्रकार दिलावर हुसैन मजूमदार को पहले मंगलवार आधी रात को गिरफ्तार किया और फिर गुरुवार सुबह एक और मामले में दोबारा हिरासत में ले लिया। उनके खिलाफ पहला मामला बैंक के एक कर्मचारी ने दर्ज कराया था, जिसमें जातिसूचक टिप्पणी का आरोप लगाया गया था।
मजूमदार को इस मामले में बुधवार को ही जमानत मिल गई, लेकिन अगले ही दिन बैंक के प्रबंध निदेशक दांबरू सैकिया की शिकायत पर उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। इस बार उन पर बैंक के गोपनीय दस्तावेज चुराने की कोशिश का आरोप लगाया गया था। गोगोई ने दावा किया कि मजूमदार जब बैंक के एमडी से प्रतिक्रिया लेने पहुंचे थे, तब उन्हें अंदर बुलाया गया, लेकिन उसके बाद अचानक पान बाजार पुलिस स्टेशन ने उन्हें हिरासत में ले लिया। क्या कहा कांग्रेस सांसद ने? गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि मजूमदार को झूठे आरोपों में फंसाकर गिरफ्तार किया गया। पहले उन पर जातिगत टिप्पणी का झूठा आरोप लगाया गया, लेकिन मजिस्ट्रेट ने पाया कि शिकायतकर्ता के बयान में इसका कोई ज़िक्र नहीं था। फिर, जब उन्हें बेल मिल गई, तो अगली ही सुबह डकैती और जबरन घुसपैठ जैसे संगीन आरोप लगाकर दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया। गोगोई ने पीएम मोदी से मांग की कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि पत्रकार को चुप कराने के लिए पुलिस का दुरुपयोग तो नहीं किया गया।
पत्रकार की गिरफ्तारी पर देशभर में प्रदर्शन मजूमदार की गिरफ्तारी के बाद पत्रकारों ने राष्ट्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया। पत्रकार संगठनों ने उनकी गिरफ्तारी के तरीके और उस पर लगाए गए आरोपों पर सवाल उठाए हैं। ACAB घोटाले की भी जांच की मांग गोगोई ने ACAB बैंक में हुए कथित वित्तीय घोटाले की भी स्वतंत्र जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि बैंक जून 2024 से बिना किसी आईटी वेंडर के काम कर रहा है, जिससे उसकी सुरक्षा और संचालन पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बैंक के बुनियादी ढांचे की लागत 2018 में 28 करोड़ थी, जो 2025 तक 250 करोड़ हो गई, जिसमें 14 करोड़ रुपये संदेहास्पद तरीके से KPMG कंपनी को दिए गए। उन्होंने बताया कि 30 जनवरी को इस घोटाले की शिकायत केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) को भेजी गई थी, लेकिन असम सरकार ने अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि, 3 मार्च को असम सरकार के सहकारिता विभाग ने रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसायटीज को निर्देश दिया कि वे 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपें। अब क्या होगा आगे? अब यह देखना होगा कि प्रधानमंत्री मोदी इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी। पत्रकार संगठनों और विपक्षी दलों की नजर इस मामले पर टिकी हुई है।