रेलवे टिकट पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पीएम मोदी की फोटो पर सियासी बवाल: क्या सेना के शौर्य का हो रहा है राजनीतिक इस्तेमाल?

सेना का राजनीतिकरण: क्या यह सही है?-भारत में हाल ही में एक नया विवाद छिड़ गया है। रेलवे टिकट पर प्रधानमंत्री की तस्वीर और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र, कांग्रेस को नागवार गुजरा है। क्या सेना की बहादुरी का राजनीतिक फायदा उठाया जा रहा है? आइए समझते हैं।
रेलवे टिकट पर पीएम की तस्वीर और विवाद-कांग्रेस का आरोप है कि रेलवे टिकट पर प्रधानमंत्री की तस्वीर और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख, सेना के काम को राजनीतिक प्रचार का हिस्सा बनाता है। मध्य प्रदेश के विपक्षी नेता ने कहा है कि सेना के शौर्य को ‘प्रोडक्ट’ की तरह बेचा जा रहा है। उनका मानना है कि सरकार विज्ञापनों पर निर्भर है और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का इस्तेमाल पीएम की छवि निखारने के लिए किया जा रहा है। यह आरोप कितना सही है, यह बहस का विषय है।
बीजेपी नेताओं के बयान और विवाद-कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी नेता लगातार सेना का अपमान कर रहे हैं। कुछ नेताओं के विवादास्पद बयानों का जिक्र करते हुए, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ये नेता अपने राजनीतिक फायदे के लिए सेना की बहादुरी का इस्तेमाल कर रहे हैं। एक मंत्री द्वारा एक महिला कर्नल के बारे में की गई टिप्पणी ने विवाद को और बढ़ा दिया है। इससे सेना की गरिमा को ठेस पहुँची है, ऐसा कांग्रेस का दावा है।
संयुक्त राष्ट्र के ‘सीज़फायर’ आदेश का झूठा दावा?-बीजेपी के एक विधायक ने दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम संयुक्त राष्ट्र के आदेश पर हुआ है। हालांकि, इस दावे की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है। इस तरह के बयानों से जनता भ्रमित होती है और देश की विदेश नीति और सेना की प्रतिष्ठा पर सवाल उठते हैं। यह दावा कितना सही है, इस पर भी सवाल उठ रहे हैं।
क्या सेना का राजनीतिकरण सही है?-यह सवाल उठता है कि क्या सेना जैसे संवेदनशील संस्थान का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करना सही है? कांग्रेस का मानना है कि बीजेपी लगातार सेना को अपने प्रचार का हिस्सा बना रही है, जबकि सेना को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। यह एक गंभीर मुद्दा है जिस पर विचार करने की आवश्यकता है। आगे क्या होता है, यह देखना होगा।