राजनीतिक साजिश या सच में घोटाला? रोहित पवार के नाम पर सुप्रिया सुले ने उठाए गंभीर सवाल

सुप्रिया सुले का आरोप: क्या रोहित पवार को राजनीतिक बदला दिया जा रहा है?-यह मामला महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में गरमा-गरम बहस का विषय बना हुआ है। एनसीपी नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने आरोप लगाया है कि उनके पार्टी के विधायक रोहित पवार को महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (MSCB) घोटाले में राजनीतिक बदले की भावना से निशाना बनाया जा रहा है। ईडी की कार्रवाई के बाद यह विवाद और तेज हो गया है।
MSCB घोटाला: क्या है पूरा खेल?-यह घोटाला 2019 में शुरू हुआ था जब मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने एक एफआईआर दर्ज की थी। इसमें आरोप है कि कई सहकारी चीनी मिलों को गलत तरीके से और बहुत कम कीमत पर बेचा गया। एक खास मामला कन्नड सहकारी चीनी मिल का है, जिसे पवार परिवार से जुड़ी कंपनी बरामती एग्रो ने खरीदा था। इस सौदे में नियमों की अनदेखी करने के आरोप हैं।
ईडी की चार्जशीट: क्या कहती है?-ईडी का दावा है कि MSCB ने 2009 में कन्नड SSK पर बकाया ऋण वसूलने के लिए इसकी सारी संपत्तियां जब्त कर लीं। 2012 में मिल की नीलामी हुई, लेकिन न्यूनतम कीमत बहुत कम रखी गई। सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को अयोग्य घोषित कर दिया गया और सौदा बरामती एग्रो को दे दिया गया। ईडी का मानना है कि इसमें बड़ी गड़बड़ी हुई है।
रोहित पवार का दावा: राजनीतिक बदला?-रोहित पवार ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा है कि यह राजनीतिक बदला है। उनका कहना है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। उन्होंने यह भी बताया कि मूल एफआईआर में जिन लोगों के नाम थे, उनमें से कई अब बीजेपी में हैं, जिससे पता चलता है कि विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है।
सुप्रिया सुले का सवाल: सिर्फ विपक्ष ही क्यों?-सुप्रिया सुले ने सवाल उठाया है कि अगर मूल एफआईआर में नामजद लोग अब बीजेपी में हैं, तो सिर्फ रोहित पवार को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है? उनका कहना है कि यह साफ राजनीतिक द्वेष है और सरकार जांच एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष की आवाज दबाने के लिए कर रही है।



