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राहुल गांधी का बीजेपी पर वार, दलितों को लेकर सोच पर उठाए सवाल

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जयपुर: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को बीजेपी पर दलितों के खिलाफ सोच रखने का आरोप लगाया। ये बयान उस घटना के बाद आया जिसमें राजस्थान के अलवर में राम मंदिर में कांग्रेस नेता टीकाराम जूली की मौजूदगी के बाद बीजेपी नेता ने गंगाजल छिड़ककर मंदिर को ‘शुद्ध’ करने की कोशिश की। राहुल गांधी ने साफ कहा कि देश को संविधान और उसके मूल्यों से चलाया जाएगा, न कि ‘मनुस्मृति’ से, जो बहुजनों को दोयम दर्जे का नागरिक मानती है। कांग्रेस ने मंगलवार को भी बीजेपी पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया था और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से माफी की मांग की थी। मामला तब शुरू हुआ जब बीजेपी के एक नेता ने राम मंदिर में जूली की मौजूदगी के बाद वहां गंगाजल छिड़का, जिससे माहौल गरमा गया। राहुल गांधी ने इस घटना का ज़िक्र करते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर हिंदी में लिखा, “बीजेपी की दलित विरोधी और मनुवादी सोच का एक और उदाहरण सामने आया है। बीजेपी लगातार दलितों का अपमान कर रही है और संविधान पर हमला कर रही है।” उन्होंने आगे लिखा, “इसलिए सिर्फ संविधान का सम्मान ही नहीं, बल्कि उसकी रक्षा करना भी जरूरी है। मोदी जी, देश संविधान और उसके आदर्शों से चलेगा, न कि मनुस्मृति से जो बहुजनों को दोयम दर्जे का मानती है।” कांग्रेस नेता टीकाराम जूली और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी नेता ज्ञानदेव आहूजा के इस कदम को दलितों का अपमान बताया है। हालांकि आहूजा ने इस आरोप से इनकार किया और कहा कि इस घटना में जाति का कोई एंगल नहीं है।

आहूजा ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं को ऐसे धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि उनकी पार्टी के बड़े नेता भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठा चुके हैं और अयोध्या में हुए राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार भी किया था। बताया गया कि अलवर की एक रिहायशी कॉलोनी में राम नवमी के मौके पर राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हुआ था, जिसमें कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने हिस्सा लिया था। बीजेपी नेता आहूजा ने सोमवार को कहा कि वह कार्यक्रम अच्छा था, लेकिन कुछ बातों में कमी रह गई थी। उन्होंने कहा, “मैं आज वहां गया और गंगाजल छिड़ककर मंदिर परिसर को शुद्ध किया।” उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोर्ट में हलफनामे देकर भगवान राम को काल्पनिक बताया था। मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अयोध्या में हुए ऐतिहासिक राम मंदिर उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया था। ऐसे में कांग्रेस नेताओं को ऐसे धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।” जब मीडिया ने इस मामले में उनसे संपर्क किया, तो आहूजा ने कहा कि उन्होंने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि कांग्रेस के नेता भगवान राम के प्रति सम्मान नहीं रखते, न कि इसलिए कि जूली दलित हैं। वहीं दूसरी ओर, टीकाराम जूली का कहना है कि आहूजा का ये कदम बीजेपी की दलितों के प्रति सोच को साफ दर्शाता है। उनका कहना है कि यह सिर्फ उनकी आस्था पर हमला नहीं है, बल्कि यह छुआछूत जैसी सामाजिक बुराई को बढ़ावा देने की कोशिश है।

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