Madhya Pradesh

भोपाल में ऑटो-टैक्सी हड़ताल का असर: सड़कों पर सन्नाटा, यात्रियों को भारी परेशानी

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भोपाल में ऑटो-टैक्सी हड़ताल: यात्रियों को भारी परेशानी-भोपाल शहर में आज ऑटो और टैक्सी चालकों की एक दिन की हड़ताल ने आम जनता को खासी परेशानी में डाल दिया। टैक्सी यूनियन कल्याण समिति के नेतृत्व में यह हड़ताल सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक चली, जिससे शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से ठप रही।

 शहर के प्रमुख परिवहन केंद्र प्रभावित-हड़ताल का सबसे ज्यादा असर रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, और बस अड्डों जैसे प्रमुख परिवहन केंद्रों पर देखने को मिला। यात्रियों को घंटों तक वाहनों का इंतजार करना पड़ा, जिससे उनकी यात्रा में भारी असुविधा हुई। ओला, उबर और रैपिडो जैसी निजी कंपनियों के लगभग 2500 टैक्सी चालक और 2000 से ज्यादा ऑटो चालक इस हड़ताल में शामिल हुए।

 निजी कंपनियों और प्रशासन के खिलाफ आक्रोश-हड़ताल का मुख्य कारण निजी टैक्सी कंपनियों द्वारा मनमानी किराए तय करना और प्रशासन की उदासीनता है। चालकों का कहना है कि निजी कंपनियां उनकी मेहनत की कमाई का बड़ा हिस्सा ले जाती हैं, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। वे चाहते हैं कि सरकार निजी कंपनियों पर सरकारी किराया दर लागू करे और अवैध टैक्सियों पर रोक लगाए। साथ ही, यूनियन के लिए एक स्थायी कार्यालय की भी मांग की जा रही है।

अवैध वसूली और अन्य समस्याएं-चालकों ने फिटनेस मशीन और पैनिक बटन के नाम पर अवैध वसूली के आरोप भी लगाए हैं। खराब पार्किंग व्यवस्था और एयरपोर्ट पर प्राइवेट टैक्सियों के प्रवेश को लेकर भी उनमें काफी नाराजगी है। यूनियन ने मांग की है कि नियमों को स्पष्ट किया जाए और सभी के लिए एक समान व्यवस्था लागू की जाए।

यात्रियों की परेशानी-हड़ताल के कारण हजारों यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्हें या तो निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ा या फिर महंगे विकल्पों का चुनाव करना पड़ा। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रशासन और परिवहन व्यवस्था पर सवाल उठाए। छात्रों और ऑफिस जाने वालों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

 आगे का आंदोलन-यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे भविष्य में और भी बड़ा आंदोलन करेंगे। उन्होंने सरकार से बातचीत करके स्थायी समाधान निकालने की अपील की है ताकि बार-बार हड़ताल की नौबत न आए।

 प्रशासन का वादा-शाम तक विरोध प्रदर्शन खत्म होने के बाद प्रशासन ने यूनियन प्रतिनिधियों से बातचीत की और उनकी मांगों पर विचार करने का भरोसा दिया। ट्रैफिक और परिवहन विभाग के अधिकारियों ने जल्द ही बैठक बुलाकर समस्या का समाधान करने का वादा किया है।

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