राज्यपाल ने उज्जैन में महिलाओं की कड़ी मेहनत से उनका आत्मविश्वास बढ़ा……
राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल ने कहा है कि उद्यमिता के क्षेत्र में महिलाओं की कड़ी मेहनत से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। संकल्प और शक्ति हमारी मातृशक्ति की पहचान है। लक्ष्य प्राप्ति के लिए मातृशक्ति परिश्रम की पराकाष्ठा कर रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश महिला विकास की दृष्टि से आगे बढ़ रहा है। इस बार का केंद्रीय बजट भी इसी बात को रेखांकित करता है। जी-20 से महिलाओं को ग्लोबल प्लेटफॉर्म मिल रहा है। आज 5 उद्यमियों में से एक महिला उद्यमी विकास के क्षेत्र में उभर रही है। महिलाओं के आर्थिक विकास के मामले में स्वयं सहायता समूहों ने उल्लेखनीय कार्य किया है। कई वंचित महिलाओं ने खुद को साबित किया है और न केवल परिवार बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी योगदान दिया है। स्वयं सहायता समूह में आगे बढ़ रही बेटियां-बहनें पारिवारिक दायित्वों का भी निर्वहन कर रही हैं। केंद्र सरकार की मुद्रा और स्टार्टअप योजनाओं ने महिला विकास के नए आयाम खोले हैं। उन्होंने कहा कि उद्यमिता के लिए यह जागरूकता कार्यक्रम सीखने की प्रक्रिया को और तेज करेगा।
इससे पूर्व राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल एवं अतिथियों ने विक्रम कीर्ति मंदिर उज्जैन में भारतीय उद्यमिता संस्थान एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के एक दिवसीय उद्यमिता जागरूकता शिविर का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया.
केन्द्रीय बाल, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्री मुंजपारा महेन्द्रभाई ने कहा कि केन्द्र सरकार महिला विकास के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। उनके सशक्तिकरण के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। आज जरूरत है एक ऐसे ईकोसिस्टम को विकसित करने की जिससे महिला उद्यमियों का क्षमता निर्माण किया जा सके। केंद्र सरकार की मुद्रा योजना, स्टार्टअप योजना और प्रधानमंत्री जन-धन खातों ने महिलाओं को सशक्त बनाने में उल्लेखनीय काम किया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष सुश्री रेखा शर्मा ने कहा कि देश की आधी आबादी महिलाओं की है, अगर हम उन्हें पीछे छोड़ देंगे तो आर्थिक प्रगति बाधित होगी। आज भारत में स्टार्टअप्स में महिलाएं सबसे आगे हैं। इतना ही नहीं 60 फीसदी महिलाएं कर्ज लेकर कारोबार चला रही हैं। महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने भी कई योजनाएं लागू की हैं। महिलाओं के लिए एक नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म की जरूरत है, जहां वे खुद को अभिव्यक्त कर सकें। साथ ही उनके मेंटरशिप की भी बेहद जरूरत है।
भारतीय उद्यमिता संस्थान के निदेशक श्री सुनील शुक्ला ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत जिस तरह विकास कर रहा है, उसमें महिलाओं की भागीदारी साफ दिखाई दे रही है. इंस्टीट्यूट ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप देश में 40 साल से लगातार काम कर रहा है। महिलाओं में चेतना आई है। इससे वे उद्यमिता में आगे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उद्यमी पैदा नहीं होते बल्कि बनाए जाते हैं। इसके लिए उनकी संस्था काम कर रही है। श्रीमती। स्वागत भाषण राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सचिव मीनाक्षी नेगी ने दिया। श्री अमित द्विवेदी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।