दुबई में ‘पैसा छाप रहा है’ मुंबई का ये लड़का!
मुंबई की गलियों से दुबई का ‘पैसा छापने वाला मशीन’ बन गया ये लड़का! कल्पना करो, एक लड़का जो कभी मुंबई की गलियों में सामान बेचता था, आज दुबई में ‘पैसा छापने वाला मशीन’ बन गया है! जी हां, ये सच है। इस लड़के का नाम है रिज़वान सजान, और आज वो दुबई में ‘दनुबे ग्रुप’ नाम की कंपनी चलाता है। ये कंपनी इतनी बड़ी है कि रिज़वान रोजाना लगभग 32 करोड़ रुपए कमाता है! मुंबई की झुग्गियों से निकला सफ़र रिज़वान की कहानी वाकई में प्रेरणादायक है। मुंबई की झुग्गियों में पला-बढ़ा ये लड़का आज एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी का मालिक है। रिज़वान ने अपनी मेहनत और लगन से ‘दनुबे ग्रुप’ को खड़ा किया है। दनुबे ग्रुप का कारोबार रिज़वान ने दुबई में अपना कारोबार शुरू किया और आज उनकी कंपनी कंस्ट्रक्शन मटेरियल, रियल एस्टेट, होम डेकोर और कई और क्षेत्रों में काम करती है। रिज़वान की सफलता की कहानी मेहनत, जोखिम लेने की हिम्मत और ग्राहकों की जरूरतों को समझने की उनकी अनोखी क्षमता का नतीजा है।
1993 में हुई दनुबे ग्रुप की शुरुआत दनुबे ग्रुप की शुरुआत 1993 में दुबई में हुई थी। पहले ये कंपनी कंस्ट्रक्शन मटेरियल सप्लाई करती थी। धीरे-धीरे ये कंपनी कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री के लिए सामान सप्लाई करने वाली बड़ी कंपनी बन गई। इसके बाद रिज़वान ने अपना कारोबार कई और क्षेत्रों में फैलाया। दनुबे ग्रुप का कारोबार रिटेल, किचन सॉल्यूशन्स और फिट-आउट सॉल्यूशन्स जैसे क्षेत्रों में भी है। दुनिया भर में फैला दनुबे ग्रुप का कारोबार दनुबे ग्रुप का कारोबार सिर्फ़ दुबई तक सीमित नहीं है। कंपनी सऊदी अरब, कुवैत, भारत और कई और देशों में भी अपनी सेवाएं देती है। आज दनुबे ग्रुप के 50 से ज़्यादा शोरूम हैं और ये 25 से ज़्यादा देशों में काम करता है। रिज़वान सजान की संपत्ति ईकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रिज़वान सजान दुबई के सबसे अमीर भारतीयों में से एक हैं। उनकी कुल संपत्ति लगभग 20,830 करोड़ रुपए (US$2.5 बिलियन) आंकी गई है। अगर उनकी संपत्ति से सालाना 10% का रिटर्न मिलता है, तो उनकी सालाना कमाई लगभग 2,083 करोड़ रुपए होगी। इसका मतलब है कि उनकी रोजाना की कमाई लगभग 5.7 करोड़ रुपए होगी। हालांकि, कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि उनकी रोजाना की कमाई 32 करोड़ रुपए है।
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यह कहानी बताती है कि मेहनत, लगन और दृढ़ संकल्प से कोई भी व्यक्ति सफलता की ऊंचाइयों को छू सकता है। रिज़वान सजान की सफलता की कहानी हमें प्रेरित करती है कि हम अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करें और कभी हार न मानें।