पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगानिस्तान में सत्ताधारी तालिबान को चेतावनी दी है। आसिफ ने कहा कि अगर काबुल में बैठी सरकार पाकिस्तान विरोधी गतिविधियों को रोकने में नाकाम रहती है तो अफगानिस्तान में घुसकर आतंकियों के ठिकाने को निशाना बनाने से नहीं चूकेगी. आसिफ ने वीओए को दिए एक खास इंटरव्यू में यह बात कही। साथ ही आसिफ ने फरवरी में अपने एक दौरे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने अफगानिस्तान का दौरा किया, तो उन्होंने तालिबान नेताओं को सीमा सुरक्षा के बारे में किए गए वादों को पूरा करने की याद दिलाई।
अफगान तालिबान ने वादा तोड़ा
आसिफ ने कहा कि तालिबान नेताओं ने पाकिस्तान से वादा किया था कि तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के आतंकवादी उनके क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं करेंगे। और तो और अफगानिस्तान में बैठकर ये आतंकी पाकिस्तान पर आतंकी हमले के किसी भी प्लान को अंजाम नहीं दे पाएंगे. आसिफ ने कहा कि तालिबान सरकार ने आतंकवादियों पर नकेल कसने का जो वादा किया था, वह पूरा नहीं किया गया है।
आसिफ ने कहा, “तालिबान ने अपना वादा नहीं निभाया है और अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो हमें कुछ करना होगा।” आसिफ ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि उसकी सरजमीं पर आतंकवादी हैं और पाकिस्तान के लिए उनका सफाया करना बहुत महत्वपूर्ण होगा।
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आसिफ ने कहा- बर्दाश्त करना मुश्किल
उन्होंने कहा, “हमें इन आतंकवादियों को मारना होगा क्योंकि हम इस स्थिति को लंबे समय तक बर्दाश्त नहीं कर सकते।” अगस्त 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया। पाकिस्तान का मानना है कि तब से टीटीपी द्वारा आतंकवादी हमलों में वृद्धि हुई है। इस्लामाबाद स्थित पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज के अनुसार, 2022 में देश में कम से कम 262 आतंकवादी हमले हुए और उनमें से कम से कम 89 के लिए टीटीपी जिम्मेदार था। पाकिस्तान का मानना है कि अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद से सेना और पुलिस को निशाना बनाकर रोजाना घातक हमले हो रहे हैं।
पाकिस्तान का दावा है कि टीटीपी कुछ साल पहले अफगानिस्तान की सीमा से लगे पाकिस्तान के इलाकों में पाकिस्तानी सेना के एक अभियान के बाद अफगानिस्तान से आतंकवादी साजिशों को अंजाम देने में शामिल रहा है। पाकिस्तान ने हमेशा कहा है कि सैन्य अभियान के कारण टीटीपी के हजारों लड़ाकों को भागना पड़ा। पिछले अप्रैल में, पाकिस्तान ने पूर्वी अफगानिस्तान में टीटीपी बेस होने का दावा किया था। आसिफ ने कहा, “हमें उम्मीद है कि उनके देश के लिए सुरक्षा खतरा उस बिंदु तक नहीं बढ़ जाएगा जहां पाकिस्तान को कुछ ऐसा करना होगा जो हमारे पड़ोसियों और काबुल में हमारे भाइयों को खुश नहीं करेगा।”