मौनी अमावस्या स्नान को लेकर महा कुम्भ में प्रशासनिक तैयारियां और गाइडलाइंस जारी

मौनी अमावस्या स्नान : महा कुम्भ के तहत बुधवार को होने वाले मौनी अमावस्या “अमृत स्नान” के लिए प्रशासन ने एक विस्तृत एडवाइजरी जारी की है। इसमें श्रद्धालुओं से सुरक्षा नियमों का पालन करने और अधिकारियों के साथ सहयोग करने की अपील की गई है। अधिकारियों के अनुसार, लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है और इसे सुगम व सुरक्षित बनाने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को मजबूत किया है। मेले में तैनात पुलिस, यातायात अधिकारी और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीमें चौबीसों घंटे सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगी। महाकुंभ नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने जनता से सहयोग की अपील करते हुए कहा, “मौनी अमावस्या के दूसरे अमृत स्नान के लिए कड़े प्रबंध किए गए हैं। हम श्रद्धालुओं से अनुरोध करते हैं कि वे पुलिस के साथ सहयोग करें, सतर्क रहें और किसी भी जरूरत में मदद लें।” श्रद्धालुओं से भीड़ प्रबंधन के निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है ताकि उनकी सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित हो सके। संगम घाट पर जाने के लिए श्रद्धालुओं से निर्धारित लेन का उपयोग करने, स्नान के बाद घाट पर ज्यादा समय न रुकने और तुरंत पार्किंग या अपने गंतव्य के लिए रवाना होने का अनुरोध किया गया है। इसके अलावा, बैरिकेड्स और पंटून ब्रिज पर संयम बनाए रखने और जल्दबाजी या धक्का-मुक्की से बचने की सलाह दी गई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके।
स्वास्थ्य और पर्यावरणीय मुद्दों को भी एडवाइजरी में प्राथमिकता दी गई है। श्रद्धालुओं से किसी भी स्वास्थ्य समस्या की स्थिति में क्षेत्रीय अस्पतालों में जाने और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पेपर, जूट और मिट्टी के बर्तनों के इस्तेमाल की अपील की गई है। प्लास्टिक बैग और बर्तनों के उपयोग को सख्ती से हतोत्साहित किया गया है। प्रशासन ने यह भी याद दिलाया है कि संगम के सभी घाट समान रूप से पवित्र हैं और भीड़भाड़ से बचने के लिए श्रद्धालु पहले घाट पर ही स्नान करें जहां वे पहुंचें। एडवाइजरी में कई निषेधात्मक उपायों का भी उल्लेख किया गया है। श्रद्धालुओं से सड़कों पर बड़े समूहों में न रुकने और अन्य लोगों की आवाजाही में बाधा न डालने का आग्रह किया गया है। अधिकारियों ने अफवाहों, खासकर सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही भ्रामक सूचनाओं पर ध्यान न देने और मंदिरों या स्नान स्थलों की ओर जल्दबाजी न करने की चेतावनी दी है। भीड़ नियंत्रण प्रणाली का सम्मान करने और व्यवस्थाओं को लेकर फैलने वाली गलत जानकारी को नजरअंदाज करने की अपील की गई है। मौनी अमावस्या त्रिवेणी संगम पर स्नान का एक विशेष दिन है, जिसे खगोलीय संरेखण के आधार पर अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर सबसे अधिक श्रद्धालु पहुंचते हैं। महा कुम्भ का आयोजन 13 जनवरी से शुरू हुआ है और यह 26 फरवरी तक जारी रहेगा।