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मुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद अमित मालवीय का हमला, बोले– ममता बनर्जी दें इस्तीफा

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पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर बीजेपी नेता अमित मालवीय ने रविवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता सरकार इस हिंसा को रोकने में पूरी तरह नाकाम रही है और अब बीजेपी और आरएसएस पर झूठे आरोप लगाकर लोगों को गुमराह कर रही हैं। एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए मालवीय ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह दावा कि हिंसा बाहरी लोगों ने करवाई, खुद राज्य पुलिस की बातों से मेल नहीं खाता। 11 और 12 अप्रैल को जिले के कई हिस्सों में जो दंगे हुए, उनके बारे में पुलिस की रिपोर्ट ममता बनर्जी के दावों से बिल्कुल अलग है। शनिवार रात को ममता बनर्जी ने एक खुला खत जारी किया, जिसमें उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और बीजेपी व आरएसएस पर भड़काऊ घटनाओं के बहाने राज्य में नफरत फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “बीजेपी और उसके साथी संगठन जैसे आरएसएस अचानक बंगाल में बहुत आक्रामक हो गए हैं। मैंने पहले आरएसएस का नाम नहीं लिया था, लेकिन अब मुझे मजबूर होकर लेना पड़ रहा है। ये सभी मिलकर राज्य में झूठ और नफरत का माहौल बना रहे हैं।” इस पर पलटवार करते हुए मालवीय ने कहा, “एक मुख्यमंत्री होने के नाते ममता बनर्जी को सभी लोगों के लिए निष्पक्ष होना चाहिए, लेकिन उन्होंने अपनी आधिकारिक चिट्ठी में विपक्षी पार्टी और एक गैर-राजनीतिक संगठन को ही दोषी ठहरा दिया, जबकि खुद उनकी पुलिस ने कहा है कि हिंसा बाहरी लोगों ने नहीं की थी।” मालवीय ने ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा, “अब वो बार-बार एक ही लाइन दोहरा रही हैं – ‘मैंने पहले नाम नहीं लिया, अब ले रही हूं।’ कुछ दिन पहले उन्होंने यही बात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लिए भी कही थी। बिना सबूत के आरोप लगाने का उनका तरीका अब आदत बन गया है, चाहे बात आरएसएस की हो या किसी और की।”

बीजेपी नेता ने खगरागढ़ ब्लास्ट का भी जिक्र किया और कहा, “खगरागढ़ में जो ब्लास्ट हुआ था, उसमें जमात से जुड़े लोग शामिल थे और वो घर भी एक टीएमसी नेता ने किराए पर दिया था। तब भी ममता बनर्जी ने बिना किसी ठोस सबूत के आरएसएस पर आरोप मढ़ दिया था, ताकि उनके वोट बैंक को बचाया जा सके। जब-जब उनका राजनीतिक वजूद डगमगाता है, वो हिंदू समुदाय को टारगेट करना शुरू कर देती हैं।” मालवीय ने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर ममता बनर्जी की निष्पक्षता अब सवालों के घेरे में है। “वो राज्य की मुख्यमंत्री और गृहमंत्री दोनों हैं, यानी सीआईडी उनके ही अधीन है। ऐसे में जब उन्होंने खुद ही एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बना दी है, तो क्या उनसे निष्पक्ष जांच की उम्मीद की जा सकती है?” बीजेपी नेता ने सवाल उठाया, “जब पुलिस को पहले से पता था कि रैलियां निकलेंगी, तो उन्हें रोका क्यों नहीं गया? क्या दंगे करने वाली भीड़, हथियार और पत्थर अचानक आसमान से टपक पड़े थे?” मालवीय ने अंत में कहा, “मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बार-बार जनता को गुमराह किया है। अब जवाबदेही तय करने का वक्त आ गया है – उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।” ममता बनर्जी ने अपने खुले पत्र में लिखा कि बीजेपी और आरएसएस जैसी ताकतें एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बहाने राज्य में नफरत फैलाने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा, “राम नवमी को लेकर उन्होंने हिंसा फैलाने की योजना बनाई थी, लेकिन बंगाल में राम नवमी के कार्यक्रम शांतिपूर्वक हुए। इसके बाद अब ये लोग वक्फ (संशोधन) कानून के खिलाफ हो रहे विरोध को हिंसा का बहाना बना रहे हैं।” गौरतलब है कि मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन कानून को लेकर हुई हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी, कई लोग घायल हुए थे और भारी तोड़फोड़ हुई थी।

 

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