अंबिकापुर: चंदन के लिए पीएम आवास सिर्फ ईंट और सीमेंट से बना घर नहीं, पिता की यादों का प्रतीक है
लाभार्थी देवनाथ स्वयं अपने पीएम आवास में अधिक समय तक नहीं रह सके, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उनका पूरा परिवार उनके आशीर्वाद से इस आवास में रह रहा है
किसी व्यक्ति के जीवन में मकान का क्या मतलब होता है, यह वर्णन से परे है, लेकिन उस मकान का महत्व तब और बढ़ जाता है, जब उससे भावनात्मक लगाव हो। प्रधानमंत्री आवास योजना ने कई जरूरतमंदों को सिर पर छत दी है, लेकिन चंदन के लिए पीएम आवास सिर्फ ईंट और सीमेंट से बना मकान नहीं है, यह उसके पिता का आशीर्वाद और प्यार है, जो उसके पूरे परिवार पर कायम है। लखनपुर विकासखंड के खुटिया ग्राम पंचायत निवासी स्वर्गीय देवनाथ राम ने भी अपने परिवार के साथ अपने सपनों के घर में रहने का सपना देखा था। वर्ष 2024-25 में उनके नाम से आवास स्वीकृत हुआ, जिसमें उन्हें सरकार की ओर से 1.20 लाख रुपये की सहायता मिली। देवनाथ के बेटे चंदन सिंह बताते हैं कि हमारे पुराने मकान में मिट्टी की दीवारें और मिट्टी की छत थी। इसमें हमेशा कोई न कोई दिक्कत रहती थी। ज्यादा सफाई की जरूरत पड़ती थी, बारिश में घर में नमी बढ़ने से अक्सर बच्चे बीमार पड़ जाते थे। नया पक्का मकान बनवाने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। इस माहौल में रहते हुए पिताजी की तबीयत लगातार खराब होती जा रही थी, लेकिन जैसे ही उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान बनाने के लिए सरकार द्वारा दी जा रही सहायता राशि के बारे में पता चला तो उन्होंने तुरंत आवेदन कर दिया और राशि भी स्वीकृत हो गई। हालांकि मकान बनने के कुछ समय बाद ही पिताजी का निधन हो गया। पिताजी का सपना था कि पूरे परिवार के साथ इस सपनों के घर में रहें। वे अब नहीं रहे, लेकिन सरकार की मदद से उन्होंने हमें अपना आशीर्वाद एक पक्के मकान के रूप में दे दिया। आज परिवार पिताजी की यादों के साथ सभी सुविधाओं से लैस इस पक्के मकान में रह रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जरूरतमंद परिवारों को सुंदर, स्वच्छ, पक्के मकान में रहने की सुविधा मिल रही है।