अमित शाह का विश्वास – आने वाले तीन दशक तक सत्ता में रहेगी बीजेपी

अमित शाह का बड़ा दावा: अगले 30 साल तक सत्ता में रहेगी बीजेपी, UCC लागू करने पर भी दिया बड़ा बयान । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भरोसा जताया है कि बीजेपी आने वाले 30 साल तक केंद्र की सत्ता में बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में किसी भी पार्टी की जीत उसकी मेहनत पर निर्भर करती है। अगर कोई पार्टी दिन-रात मेहनत करती है और खुद के लिए नहीं बल्कि देश के लिए जीती है, तो जीत निश्चित होती है। “मैं जब बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष था, तब मैंने कहा था कि बीजेपी अगले 30 साल तक सत्ता में रहेगी। अब तक 10 साल ही हुए हैं,” उन्होंने शुक्रवार रात Times Now Summit 2025 में यह बात कही। शाह ने कहा कि जो पार्टी अच्छा प्रदर्शन करती है, उसे जनता का विश्वास और जीत का आत्मविश्वास मिलता है। लेकिन जो काम नहीं करते, उनके अंदर यह आत्मविश्वास नहीं होता।
UCC को लेकर बड़ा बयान यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर पूछे गए सवाल पर गृह मंत्री ने कहा कि सभी बीजेपी शासित राज्य एक-एक करके इसे लागू करेंगे, क्योंकि यह बीजेपी के प्रमुख एजेंडे में शामिल है। “संविधान सभा ने UCC लागू करने का फैसला किया था। कांग्रेस इसे भूल सकती है, लेकिन हम नहीं। हमने अनुच्छेद 370 हटाने का वादा किया था, उसे पूरा किया। हमने अयोध्या में राम मंदिर बनाने का वादा किया था, वह भी पूरा किया। अब UCC की बारी है, इसे भी हम लागू करेंगे,” शाह ने कहा। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार पहले ही UCC कानून लागू कर चुकी है। गुजरात ने इसके लिए कमेटी बना ली है और अन्य राज्यों में भी इसे सुविधानुसार लागू किया जाएगा। जस्टिस यशवंत वर्मा मामले पर बोले शाह दिल्ली में हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर से कथित तौर पर भारी मात्रा में नकदी बरामद होने को लेकर पूछे गए सवाल पर शाह ने कहा कि इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने संज्ञान लिया है और तीन जजों की कमेटी से जांच के आदेश दिए हैं। “हम इस जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। हमें इस कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए,” शाह ने कहा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। शाह ने कहा कि जब एफआईआर दर्ज ही नहीं हो सकती, तो जब्ती (सीजर) की कार्रवाई कैसे होगी? एफआईआर दर्ज करने के लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की अनुमति जरूरी है।
क्या मोदी सरकार के कामकाज में RSS का दखल है? संघ के हस्तक्षेप को लेकर पूछे गए सवाल पर अमित शाह ने साफ कहा कि मोदी सरकार के कामकाज में RSS का कोई दखल नहीं है। “RSS पिछले 100 सालों से देशभक्त तैयार कर रहा है। मैंने संघ से सीखा है कि कई आयामों को संतुलित रखते हुए देशभक्ति को केंद्र में कैसे रखा जाए। यहां दखल देने का सवाल ही नहीं उठता,” उन्होंने कहा। आंतरिक सुरक्षा पर सरकार की प्राथमिकता गृह मंत्री ने कहा कि जब उन्होंने गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाला, तब तीन प्रमुख समस्याएं थीं—नक्सलवाद, जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और उत्तर-पूर्व में उग्रवाद। “पिछले 10 सालों में इन तीन क्षेत्रों में 16,000 से अधिक युवाओं ने आत्मसमर्पण किया है। देश के गृह मंत्री के रूप में मेरी प्राथमिकता इन इलाकों में शांति लाना है। प्रधानमंत्री की भी यही प्राथमिकता है। इन समस्याओं के कारण इन क्षेत्रों में विकास रुक गया था,” शाह ने कहा। Places of Worship Act 1991 पर सरकार का रुख 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप (विशेष उपबंध) अधिनियम को लेकर पूछे गए सवाल पर शाह ने कहा कि यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए वह इस पर टिप्पणी नहीं करेंगे। “मुझे भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट इस पर सही फैसला देगा और हम अदालत के आदेश का पालन करेंगे,” उन्होंने कहा। यह कानून किसी भी धार्मिक स्थल के स्वरूप में बदलाव को रोकने के लिए बना था, जिससे 15 अगस्त 1947 को जो धार्मिक स्थल जिस रूप में था, वही बना रहे। हालांकि, राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को इस कानून से अलग रखा गया था। इस कानून को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। सरकार द्वारा इस मामले में अब तक कोर्ट में हलफनामा दाखिल न किए जाने को लेकर शाह ने कहा, “हम निश्चित रूप से हलफनामा दाखिल करेंगे।”