बेंगलुरु-कामाख्या एक्सप्रेस ओडिशा में पटरी से उतरी, एक की मौत, तीन घायल

ओडिशा के कटक में बड़ा रेल हादसा, एक की मौत, तीन घायल
रविवार को ओडिशा के कटक जिले में एक एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने से बड़ा हादसा हो गया। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि तीन लोग घायल हो गए।
कैसे हुआ हादसा?
पूर्वी तट रेलवे (East Coast Railway) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार मिश्रा के मुताबिक, एसएमवीटी बेंगलुरु-कामाख्या एसी एक्सप्रेस के 11 डिब्बे सुबह 11:54 बजे निर्गुंडी के पास पटरी से उतर गए। मृतक की पहचान 22 वर्षीय सुवंकर रॉय के रूप में हुई है, जो पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार का रहने वाला था। बताया जा रहा है कि हादसे के बाद युवक ने घबराकर ट्रेन से छलांग लगा दी, जिससे उसकी मौत हो गई। हालांकि, मौत का असली कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा।
घायलों की स्थिति
रेलवे की रिपोर्ट के अनुसार, हादसे में एक महिला को गंभीर चोटें आई हैं, जबकि दो पुरुष यात्रियों को मामूली चोटें लगी हैं और उनका इलाज जारी है। हालांकि, कटक के जिलाधिकारी दत्तात्रेय भाऊसाहेब शिंदे ने पहले कहा था कि इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हुई और सात लोग घायल हुए, लेकिन रेलवे अधिकारियों का कहना है कि घायलों की संख्या तीन ही है।
रेलवे अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि चार अन्य लोग, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया, वे पहले से बीमार थे और बेंगलुरु से इलाज कराकर लौट रहे थे। हालांकि, उन्हें भी पटरी से उतरे डिब्बों से सुरक्षित बाहर निकाला गया और इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।
हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना पर चिंता जताई और कहा कि प्रशासन मौके पर मौजूद है और राहत कार्यों में जुटा हुआ है। उन्होंने बताया कि सहायता केंद्र और हेल्पलाइन नंबर भी सक्रिय कर दिए गए हैं। वहीं, दुर्घटना स्थल पर फंसे यात्रियों के लिए एक विशेष ट्रेन चलाई गई है, जो उन्हें सुरक्षित कामाख्या तक ले जाएगी।
मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा
रेलवे ने हादसे में मृतक के परिवार को 5 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल यात्रियों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल यात्रियों को 50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
हादसे के बाद यात्रियों की स्थिति
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, हादसे के बाद 12 से ज्यादा यात्रियों की तबीयत बिगड़ गई, जिनका इलाज मौके पर लगाए गए अस्थायी स्वास्थ्य केंद्र में किया गया। डॉक्टरों के अनुसार, कुछ यात्रियों को पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी के कारण कमजोरी महसूस हो रही थी, जिसके बाद उन्हें प्राथमिक उपचार देकर डिस्चार्ज कर दिया गया।
कटक के जिलाधिकारी ने बताया कि कई यात्री एयर कंडीशनर बोगी से अचानक बाहर निकलकर तेज गर्मी में आ गए, जिससे उनकी तबीयत खराब हो गई। प्रशासन ने सभी यात्रियों को पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराया और घायलों को SCB मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (SCB MCH), कटक में भर्ती कराया गया।
तेजी से हुआ राहत कार्य
SCB मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारी सुभाष चंद्र राय ने बताया कि हादसे में एक व्यक्ति की मौत हुई है और सात घायल हुए हैं, जिनमें तीन पुरुष और चार महिलाएं शामिल हैं। वहीं, फायर सर्विस विभाग के महानिदेशक सुधांशु सारंगी ने बताया कि फायर सर्विस, एनडीआरएफ और ओडीआरएएफ की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और कुछ ही घंटों में रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया।
रेलवे करेगा हादसे की जांच
रेलवे ने इस घटना की विस्तृत जांच के लिए रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) को निर्देश दिया है। साथ ही, प्रभावित रूट पर जल्द से जल्द ट्रेनों का संचालन सामान्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि राहत और बचाव कार्यों के दौरान सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया गया।
ट्रेन सेवाओं पर असर
यह ट्रेन बेंगलुरु से असम के कामाख्या स्टेशन जा रही थी। हादसा हावड़ा-चेन्नई रूट पर डाउन लाइन में हुआ, जिससे कई ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई।
- हावड़ा-विशाखापट्टनम अप लाइन पर मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें सामान्य रूप से चल रही हैं।
- 21 ट्रेनों के रूट को बदलकर बारंग-नाराज-कपिलास रोड से चलाया जा रहा है।
- अधिकारियों का कहना है कि जल्द से जल्द पटरी को साफ कर अप लाइन चालू कर दिया जाएगा।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया क्या हुआ?
हादसे के समय ट्रेन में सफर कर रही एक महिला यात्री ने बताया, “मैं ऊपरी बर्थ पर सो रही थी और अचानक झटके से नीचे गिर गई। ऊपर रखे सारे सामान भी नीचे आ गए।” मौके पर पहुंचे मांगुली गांव के स्थानीय लोग सबसे पहले मदद के लिए पहुंचे। ग्रामीण रामा साहू ने बताया, “कई लोग पानी के लिए रो रहे थे, क्योंकि हादसे में उनकी पानी की बोतलें खो गई थीं। हमने बुजुर्ग यात्रियों को बाहर निकालने में मदद की, फिर फायर सर्विस की टीम आ गई।”
राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू
ओपीसीसी अध्यक्ष भक्त चरण दास ने घटनास्थल का दौरा किया और रेलवे प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा, “बार-बार हो रहे ट्रेन हादसों के पीछे रेलवे की लापरवाही जिम्मेदार है। इन घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।”