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तेजस MK-1A के लिए GE एयरोस्पेस ने पहला F-404 इंजन सौंपा, डिलीवरी प्रक्रिया शुरू

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GE एयरोस्पेस ने HAL को पहला F-404 इंजन सौंपा, तेजस लड़ाकू विमान निर्माण को मिलेगी रफ्तार अमेरिकी रक्षा कंपनी GE एयरोस्पेस ने बुधवार को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 99 F-404 विमान इंजनों में से पहला इंजन सौंप दिया है। ये इंजन भारत के हल्के लड़ाकू विमान तेजस के Mk-1A वेरिएंट के लिए खरीदे गए हैं। भारत सरकार ने फरवरी 2021 में HAL के साथ 83 तेजस Mk-1A जेट्स की खरीद के लिए ₹48,000 करोड़ का सौदा किया था। इन विमानों की डिलीवरी मार्च 2023 से शुरू होनी थी, लेकिन अब तक एक भी विमान वायुसेना को नहीं मिला है। माना जा रहा है कि GE एयरोस्पेस द्वारा इंजनों की आपूर्ति में देरी भी एक कारण है, जिससे HAL समय पर तेजस विमानों की डिलीवरी नहीं कर पाया।vGE एयरोस्पेस ने बताया कि यह इंजन अमेरिका के मैसाचुसेट्स के लिन प्लांट से भेजा गया है और अगले महीने की शुरुआत तक भारत पहुंचने की उम्मीद है।

40 साल की साझेदारी में अहम पड़ाव

GE एयरोस्पेस ने बयान में कहा, “हमारे लिए यह खास मौका है कि हमने HAL को पहला F404-IN20 इंजन सौंप दिया है। यह हमारी 40 साल पुरानी साझेदारी में एक अहम पड़ाव है और भारत की रक्षा निर्माण क्षमता को मजबूत करने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।” F404-IN20 इंजन खासतौर पर भारत के सिंगल-इंजन फाइटर प्रोग्राम के लिए डिजाइन किया गया है। यह F404 परिवार में सबसे अधिक थ्रस्ट देने वाला इंजन है, जिसमें हाई-फ्लो फैन, सिंगल-क्रिस्टल टर्बाइन ब्लेड और कई विशेष घटक शामिल हैं। GE एयरोस्पेस और तेजस टीम ने इस इंजन को भारतीय वायुसेना की जरूरतों के हिसाब से तैयार करने के लिए कई सालों तक मिलकर काम किया। 2008 में जब पहली बार इस इंजन के साथ तेजस ने उड़ान भरी थी, तब उसने Mach 1.1 की गति हासिल की थी।

उत्पादन दोबारा शुरू करना था चुनौती

GE एयरोस्पेस ने 2016 तक HAL को 65 F404-IN20 इंजन की आपूर्ति कर दी थी, लेकिन तब और ऑर्डर न मिलने के कारण इस इंजन का उत्पादन बंद कर दिया गया था। जब 2021 में HAL ने 99 नए इंजनों का ऑर्डर दिया, तो कंपनी को पांच साल से बंद पड़ी उत्पादन लाइन को दोबारा शुरू करना पड़ा। कंपनी ने बताया, “COVID महामारी के दौरान इंजन उत्पादन लाइन को फिर से चालू करना बड़ी चुनौती थी। लेकिन हमारी टीम, सप्लायर्स और पार्टनर्स के जबरदस्त प्रयासों से हमने इसे फिर से शुरू कर दिया।” GE एयरोस्पेस ने कहा कि अब वह सप्लायर्स के साथ मिलकर उत्पादन प्रक्रिया को और तेज करने पर काम कर रहा है ताकि इंजन समय पर HAL को मिलते रहें।

तेजस बनेगा वायुसेना की रीढ़

तेजस भारतीय वायुसेना के लिए एक महत्वपूर्ण लड़ाकू विमान है। यह एयर कॉम्बैट और हमलावर अभियानों में सक्षम होने के साथ-साथ टोह लेने और एंटी-शिप मिशन में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। नवंबर 2023 में रक्षा मंत्रालय ने 97 और तेजस जेट्स की खरीद के लिए शुरुआती मंजूरी दी थी, जिससे साफ है कि आने वाले वर्षों में यह विमान भारतीय वायुसेना की रीढ़ बनने जा रहा है।

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