भारत-चिली ने आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता वार्ता शुरू करने पर सहमति जताई

भारत-चिली रिश्तों को नई मजबूती, आर्थिक साझेदारी समझौते पर बातचीत शुरू भारत और चिली ने मंगलवार को अपने द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) पर बातचीत शुरू करने की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फोंट के बीच व्यापार, रक्षा, महत्वपूर्ण खनिजों और स्वास्थ्य जैसे अहम क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर विस्तृत चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने चिली को भारत का एक महत्वपूर्ण “मित्र और साझेदार” बताते हुए कहा कि आने वाले दशक में सहयोग बढ़ाने के लिए कई नई पहल की पहचान की गई है। चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक अपने उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पांच दिवसीय भारत यात्रा पर हैं, जिसमें मंत्री, सांसद, वरिष्ठ अधिकारी और कारोबारी नेता शामिल हैं। प्राकृतिक रूप से जुड़े हैं भारत और चिली मोदी ने कहा, “भारत और चिली भले ही विश्व के नक्शे पर अलग-अलग छोर पर हों और हमारे बीच विशाल महासागर हों, लेकिन प्रकृति ने हमें अनोखे तरीकों से जोड़ा है।” उन्होंने कहा कि जिस ऊर्जा के साथ हिंद महासागर की लहरें भारत के तटों को छूती हैं, उसी तरह प्रशांत महासागर की लहरें चिली के तटों से टकराती हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, नवीकरणीय ऊर्जा, रेलवे, अंतरिक्ष और अन्य क्षेत्रों में अपनी सकारात्मक विशेषज्ञता चिली के साथ साझा करने के लिए तैयार है। व्यापार और निवेश को मिलेगा बढ़ावा मोदी ने कहा, “हम परस्पर व्यापार और निवेश में हो रही वृद्धि का स्वागत करते हैं। हम इस बात पर सहमत हैं कि हमारे पास अभी भी और अधिक सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।” उन्होंने बताया कि दोनों देशों की टीमें अब एक लाभकारी आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) पर बातचीत शुरू करेंगी।
इसके अलावा, महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में भी भारत और चिली के बीच सहयोग को और मजबूत किया जाएगा ताकि आपूर्ति श्रृंखला को अधिक मजबूत और टिकाऊ बनाया जा सके। रक्षा और सुरक्षा में सहयोग बढ़ेगा प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में बढ़ता सहयोग दोनों देशों के बीच गहरे आपसी विश्वास को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “हम रक्षा औद्योगिक निर्माण और आपूर्ति श्रृंखला को एक-दूसरे की जरूरतों के अनुसार विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।” इसके अलावा, संगठित अपराध, नशीली दवाओं की तस्करी और आतंकवाद जैसी साझा चुनौतियों का सामना करने के लिए दोनों देशों की एजेंसियां मिलकर काम करेंगी। संयुक्त राष्ट्र में सुधार और वैश्विक शांति पर सहमति मोदी ने कहा कि भारत और चिली इस बात पर सहमत हैं कि सभी वैश्विक तनावों और विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार जरूरी हैं ताकि वे वैश्विक चुनौतियों से प्रभावी रूप से निपट सकें। संस्कृति, शिक्षा और वीजा प्रक्रियाओं में सुधार पर जोर दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत और चिली के बीच वीजा प्रक्रियाओं को सरल बनाने और छात्र आदान-प्रदान कार्यक्रमों को बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। मोदी ने कहा, “चिली के राष्ट्रपति की यह यात्रा भारत-चिली संबंधों में एक नई ऊर्जा और उत्साह लेकर आई है। यह ऊर्जा हमारे द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ पूरे लैटिन अमेरिका क्षेत्र में हमारे सहयोग को नई गति और दिशा देगी।”