ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने दुनिया को दिखाया सख्त तेवर, आतंक के हर चेहरे पर सीधा वार

ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवादियों को दिया करारा जवाब-यह लेख ऑपरेशन सिंदूर के बारे में है, जिसने भारत के आतंकवाद विरोधी दृष्टिकोण को दुनिया के सामने रखा। हम इस ऑपरेशन की पृष्ठभूमि, परिणाम और इसके वैश्विक प्रभावों पर चर्चा करेंगे।
पहलगाम हमला और भारत का कड़ा रुख-22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान चली गई। इस घटना ने भारत को आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने पर मजबूर किया। इस हमले की कड़ी निंदा क्वाड देशों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने की।
क्वाड देशों का एकजुट संदेश-भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त बयान जारी कर आतंकवाद और चरमपंथ की निंदा की और सीमा पार से आतंक फैलाने वालों को चेतावनी दी।
ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान और POK में कार्रवाई-पहलगाम हमले के जवाब में, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकवादियों के ठिकानों पर कार्रवाई की। इस कार्रवाई की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है।
UNSC का समर्थन-संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भारत की कार्रवाई का समर्थन किया और आतंकवादियों और उनके सहयोगियों को सज़ा दिलाने पर ज़ोर दिया।
जयशंकर का बयान: भारत का दृढ़ संकल्प-विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने दुनिया को स्पष्ट संदेश दिया है कि आतंकवाद का जवाब ज़रूर मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत किसी भी खतरे का मुकाबला करने के लिए तैयार है।
अमेरिका के साथ द्विपक्षीय वार्ता-जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री और रक्षा सचिव से मुलाकात की, जिसमें व्यापार, रक्षा, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।
रूस से तेल आयात पर अमेरिकी टैक्स योजना-अमेरिका में रूस से तेल आयात करने वाले देशों पर 500% टैक्स लगाने के प्रस्ताव पर जयशंकर ने कहा कि अगर यह भारत के हितों को प्रभावित करता है, तो भारत ज़रूरी कदम उठाएगा।ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ है और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध है।



