न्यूयॉर्क में पाकिस्तान वाणिज्य दूतावास के बाहर भारतीय समुदाय का पहलगाम हमले के खिलाफ प्रदर्शन

न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय का प्रदर्शन: पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ विरोध
न्यूयॉर्क, 28 अप्रैल (PTI) – न्यूयॉर्क में रहने वाले भारतीय लोगों ने पाकिस्तान के वाणिज्य दूतावास और टाइम्स स्क्वायर के बाहर इकट्ठा होकर पहलगाम में हुए आतंकी हमले के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने भारत का झंडा लहराया और ऐसे बैनर पकड़े थे जिन पर लिखा था, “आतंकी देश घोषित करो – पहलगाम हिंदू नरसंहार।” लोगों ने एक लंबा बैनर भी पकड़ा हुआ था जिस पर हमले में मारे गए 26 लोगों की तस्वीरें थीं। उस पर लिखा था, “CNN, NBC, NYT, WAPO, UN – इनकी पहचान दिखाओ, इनके चेहरे दिखाओ”, साथ ही हैशटैग थे – ‘Hindu Lives Matter’, ‘End Terrorism Now’, ‘Islamic Terror – End Today’, ‘Enough is Enough’। यह प्रदर्शन 27 अप्रैल को हुआ था। इसके साथ ही, न्यूयॉर्क में पाकिस्तान के वाणिज्य दूतावास के बाहर ‘जिहादी आतंक’ के खिलाफ एक अंतर-धार्मिक शांति सभा भी हुई, जिसमें अलग-अलग धर्मों के लोगों ने भारतीय और इजरायली झंडे लहराते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ उठाई और दुनिया से अपील की कि आतंकवाद के खिलाफ मिलकर कड़ा संदेश दिया जाए।
इस दौरान, एक हिंदू पुजारी ने हमले में मारे गए लोगों की शांति के लिए प्रार्थना की और वहां मौजूद लोगों ने मृतकों और घायलों की याद में एक मिनट का मौन रखा। भारतीय वाणिज्य दूतावास ने X (ट्विटर) पर इस प्रदर्शन की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, “टाइम्स स्क्वायर, न्यूयॉर्क में संवेदना और विरोध।” पोस्ट में कहा गया, “भारतीय समुदाय के बहुत सारे लोग और भारत के दोस्त टाइम्स स्क्वायर पर इकट्ठा हुए, जिन्होंने पहलगाम आतंकी हमले पर दुख जताया और उसकी कड़ी निंदा की। लोगों ने हमले के शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।” एक और पोस्ट में, भारतीय वाणिज्य दूतावास ने बताया कि “क्वींस, न्यूयॉर्क में दाऊदी बोहरा समुदाय ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के समर्थन में एक भावुक प्रार्थना सभा की।”
22 अप्रैल को हुए इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी। इनमें से ज्यादातर लोग भारत के अलग-अलग राज्यों से घूमने आए पर्यटक थे। हमले के बाद, भारत ने इस आतंकी घटना के “सीमा पार कनेक्शन” को उजागर किया और कई बड़े कदम उठाए, जैसे कि 1960 की सिंधु जल संधि को “तुरंत प्रभाव से निलंबित” कर दिया, जब तक कि पाकिस्तान आतंकवाद का साथ देना पूरी तरह से बंद करने का सबूत नहीं देता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले के बाद सख्त संदेश दिया। उन्होंने कहा, “हम हर आतंकी, उनके मददगारों और उनको पालने वालों को पहचानेंगे, उनका पीछा करेंगे और सज़ा देंगे।” उन्होंने आगे कहा, “हम उन्हें दुनिया के किसी भी कोने से ढूंढ निकालेंगे। भारत का जज़्बा आतंकवाद से टूटने वाला नहीं है। आतंकवाद को बख्शा नहीं जाएगा।” भारत के प्रति समर्थन और एकजुटता के संदेश दुनिया भर के नेताओं से लगातार आ रहे हैं। FBI के निदेशक काश पटेल ने भी X पर पोस्ट करते हुए कहा, “हम कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमले के सभी पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं और भारत सरकार को अपना पूरा समर्थन देते रहेंगे।” पटेल ने आगे लिखा, “यह हमें याद दिलाता है कि हमारी दुनिया आतंकवाद की बुराइयों से लगातार खतरे में है। पीड़ितों के लिए दुआ करें। और उन सभी कानून व्यवस्था से जुड़े लोगों का शुक्रिया जो ऐसे कठिन वक्त में भी डटे रहते हैं।”