माउंट लेवोताबी लाकी-लाकी ज्वालामुखी सक्रिय, बाली की फ्लाइट्स पर संकट

इंडोनेशिया का माउंट लेवोताबी ज्वालामुखी तीन बार फटा, 8,000 मीटर ऊंचा उठा धुएं का गुबार इंडोनेशिया के दक्षिण-मध्य हिस्से में स्थित माउंट लेवोताबी लाकी-लाकी ज्वालामुखी शुक्रवार को तीन बार फटा, जिससे 8,000 मीटर (26,200 फीट) ऊंचा धुएं का गुबार उठा। बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रशासन ने ज्वालामुखी के आसपास की खतरे की सीमा को और बढ़ा दिया है। भूकंप और बढ़ी हुई ज्वालामुखीय गतिविधि फ्लोरेस द्वीप पर स्थित यह ज्वालामुखी बीते सात दिनों से काफी सक्रिय था। इस दौरान सैकड़ों भूकंपों के झटके महसूस किए गए और ज्वालामुखी से लगातार धुआं और लावा निकलता दिखा। गुरुवार देर रात और शुक्रवार सुबह तीन बड़े विस्फोट हुए, लेकिन दिन में ज्वालामुखी शांत रहा। खतरे का स्तर बढ़ाया, दायरा 8 किमी तक बढ़ा विस्फोट के बाद, प्रशासन ने चेतावनी स्तर को सबसे ऊंचे स्तर तक बढ़ा दिया और खतरे के दायरे को 7 किमी से 8 किमी (5 मील) तक विस्तारित कर दिया। हालांकि, अब तक नई निकासी (evacuation) की कोई रिपोर्ट नहीं आई है।
हवाई यात्रा प्रभावित इस ज्वालामुखी विस्फोट का असर हवाई यात्रा पर भी पड़ा है। ऑस्ट्रेलिया से बाली जाने वाली कई उड़ानें रद्द कर दी गईं, जबकि अन्य अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों में देरी हुई है। भारी बारिश से लावा बहने का खतरा इंडोनेशिया की भूवैज्ञानिक एजेंसी ने लोगों को भारी बारिश के कारण लावा बहने की चेतावनी दी है, जिससे आसपास के नदी क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। पहले भी हो चुका है बड़ा विस्फोट पिछले साल नवंबर में माउंट लेवोताबी लाकी-लाकी के विस्फोट में 9 लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों लोग घायल हुए थे। यह पर्वत माउंट लेवोताबी पेरेंपुआन नाम के जुड़वा ज्वालामुखी के साथ स्थित है। इंडोनेशिया – “रिंग ऑफ फायर” पर स्थित ज्वालामुखियों का देश इंडोनेशिया, जहां 27 करोड़ से ज्यादा की आबादी रहती है, भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोटों से अक्सर प्रभावित होता है। देश में 120 से अधिक सक्रिय ज्वालामुखी हैं और यह “रिंग ऑफ फायर” नामक क्षेत्र में आता है, जहां प्रशांत महासागर के चारों ओर भूकंपीय गतिविधियां होती रहती हैं।