नासा की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स का भारत को सलाम, बोलीं – जल्द करूंगी यात्रा

अंतरिक्ष से भारत अद्भुत दिखता है: सुनीता विलियम्स नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने भारत की खूबसूरती को लेकर अपनी भावनाएँ साझा कीं और उम्मीद जताई कि वह अपने “पिता के देश” का दौरा करेंगी और वहां लोगों के साथ अपने अंतरिक्ष अनुभवों को साझा करेंगी। सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष से भारत का नज़ारा कितना अद्भुत लगता है। जब उनसे पूछा गया कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से भारत कैसा दिखता था और क्या वह इसरो के साथ भविष्य में किसी मिशन में काम करेंगी, तो उन्होंने उत्साहपूर्वक जवाब दिया।
भारत की खूबसूरती पर सुनीता का बयान
“भारत शानदार दिखता है। जब भी हम हिमालय के ऊपर से गुजरते थे, तो उसका नज़ारा अविश्वसनीय होता था। बटच (सह-यात्री) ने हिमालय की कुछ अद्भुत तस्वीरें लीं, जिन्हें देखकर आप हैरान रह जाएंगे,” सुनीता ने कहा। 59 वर्षीय सुनीता और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री बटच विलमोर ने स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन के तहत नौ महीने अंतरिक्ष में बिताने के बाद यह पहली संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। “हिमालय को देखने पर ऐसा लगता है जैसे प्लेटों के टकराने से लहरें बनी हों, और फिर यह लहरें नीचे भारत की ओर बहती हुई प्रतीत होती हैं। यह क्षेत्र कई रंगों से भरा हुआ नजर आता है,” उन्होंने आगे कहा। “जब आप पूर्व दिशा से भारत में प्रवेश करते हैं, खासतौर पर गुजरात और मुंबई की तरफ, तो समुद्र में मछुआरों की नावें चमकती हुई दिखती हैं, जो भारत के करीब होने का एहसास दिलाती हैं। भारत में बड़े शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक रोशनी का एक जाल बिछा हुआ दिखता है। दिन के समय भी यह दृश्य बेहद खास लगता है, लेकिन रात में यह और भी शानदार नजर आता है, खासतौर पर हिमालय की पृष्ठभूमि में,” उन्होंने कहा।
अपने पिता के देश आने की जताई इच्छा
सुनीता ने आगे कहा, “मुझे उम्मीद है और यकीनन मैं अपने पिता के देश भारत वापस आऊंगी, वहां के लोगों से मिलूंगी और भारतीय अंतरिक्ष यात्री के आगामी मिशन को लेकर उत्साह साझा करूंगी।” वह एक्सियम मिशन 4 (Ax-4) की ओर इशारा कर रही थीं, जिसमें भारतीय मूल के शुभांशु शुक्ला मिशन पायलट के रूप में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जाने वाले हैं। लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला, 1984 में अंतरिक्ष गए भारतीय वायुसेना के पूर्व अधिकारी राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। “उनका अपना एक ‘होमटाउन हीरो’ होगा, जो अपने नजरिए से अंतरिक्ष स्टेशन के अनुभव साझा कर सकेगा। लेकिन मैं भी भारत के लोगों से मिलना चाहूंगी और अपने अनुभव साझा करना चाहूंगी, क्योंकि भारत एक बेहतरीन देश है और एक मजबूत लोकतंत्र के रूप में अंतरिक्ष मिशन में अपनी पहचान बना रहा है। हम भी इस सफर में उनका साथ देने और सहयोग करने के लिए उत्सुक हैं,” सुनीता ने कहा।
सुनीता के पिता का भारत से संबंध
सुनीता विलियम्स के पिता दीपक पंड्या मूल रूप से गुजरात से थे। वह 1958 में अमेरिका चले गए थे, जहां उन्होंने क्लीवलैंड, ओहियो में मेडिकल इंटर्नशिप और रेजिडेंसी की पढ़ाई की। सुनीता का जन्म भी ओहियो में हुआ था। जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में विलमोर ने उनसे पूछा कि क्या वह अपने क्रू मेंबर्स को भी भारत लेकर जाएंगी, तो सुनीता हंसते हुए बोलीं, “बिल्कुल! आप लोग शायद भीड़ में थोड़ा अलग नजर आएंगे, लेकिन कोई बात नहीं। मैं आपको भारतीय मसालेदार खाने के लिए तैयार कर दूंगी, फिर सब अच्छा रहेगा!”
पीएम मोदी ने किया स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सुनीता और उनके साथी अंतरिक्ष यात्रियों के सफलतापूर्वक धरती पर लौटने का स्वागत किया। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “वेलकम बैक, क्रू-9! धरती ने आपको बहुत याद किया।” नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता, निक हेग, विलमोर और रोसकॉसमॉस कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गॉर्बुनोव 18 मार्च को स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर पृथ्वी पर लौटे। उनकी कैप्सूल फ्लोरिडा के तट के पास समुद्र में लैंड हुई। सुनीता और विलमोर बोइंग के नए स्टारलाइनर कैप्सूल के टेस्ट पायलट थे, जिनका आठ दिन का मिशन तकनीकी खामियों के कारण नौ महीने लंबा हो गया। सितंबर में उनके कैप्सूल में हेलियम लीक और थ्रस्टर फेल होने के कारण इसे असुरक्षित मानकर वापस भेज दिया गया, जबकि अंतरिक्ष यात्री वहीं रुके रहे। मोदी ने कहा, “उनका यह मिशन साहस, दृढ़ संकल्प और इंसानी क्षमताओं की सीमाओं को परखने का बेहतरीन उदाहरण है। सुनीता विलियम्स और क्रू-9 टीम ने यह साबित कर दिया कि सच्ची लगन और दृढ़ता से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।” उन्होंने आगे कहा, “अंतरिक्ष अन्वेषण का सफर सिर्फ वैज्ञानिक उपलब्धियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह इंसानी सपनों और उन्हें हकीकत में बदलने के साहस की कहानी भी है। सुनीता विलियम्स, जिन्होंने अपने करियर में इस जज्बे को बखूबी दर्शाया है, हम सभी के लिए प्रेरणा हैं।”