पाकिस्तान में राष्ट्रपति पद को लेकर फैली अफवाहों पर शहबाज़ शरीफ का जवाब: “सब बेबुनियाद बातें हैं”

पाकिस्तान: ज़रदारी के इस्तीफे की अफ़वाहों का सच क्या है?-पाकिस्तान की राजनीति में इन दिनों ख़ूब हलचल है। सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी के इस्तीफे और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के राष्ट्रपति बनने की ख़बरें तेज़ी से फैल रही हैं। लेकिन क्या ये ख़बरें सच हैं? आइए जानते हैं।
पीएम शरीफ़ का साफ़ इनकार-प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने इन ख़बरों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ़ अटकलें हैं और इनका कोई आधार नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि न तो ज़रदारी इस्तीफा देंगे और न ही जनरल मुनीर राष्ट्रपति बनने की कोई योजना बना रहे हैं। शरीफ़ ने ज़ोर देकर कहा कि ज़रदारी, मुनीर और उनके बीच आपसी सम्मान और देशहित का रिश्ता है, और तीनों मिलकर पाकिस्तान की तरक्की के लिए काम कर रहे हैं।
विदेशी साज़िश का आरोप-गृह मंत्री मोसिन नक़वी ने भी इन अफ़वाहों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह एक सुनियोजित साज़िश है जिसका मक़सद ज़रदारी, शरीफ़ और मुनीर को बदनाम करना है। नक़वी ने आरोप लगाया कि कुछ विदेशी ताक़तें इस साज़िश में शामिल हो सकती हैं, जो पाकिस्तान की स्थिरता को बिगाड़ना चाहती हैं।
कोई योजना नहीं, सिर्फ़ अफ़वाहें-नक़वी ने साफ़ शब्दों में कहा कि न तो ज़रदारी के इस्तीफे की कोई योजना है और न ही जनरल मुनीर को राष्ट्रपति बनाने की। उन्होंने अफ़वाह फैलाने वालों को चेतावनी दी कि सरकार देश को मज़बूत बनाने के अपने संकल्प से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने यह भी बताया कि जनरल मुनीर को 2022 में तीन साल के लिए सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर पाँच साल कर दिया गया, और ज़रदारी पिछले साल पाँच साल के लिए राष्ट्रपति चुने गए थे।
बिलावल और सेना के मज़बूत रिश्ते-पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता और ज़रदारी के बेटे बिलावल भुट्टो ज़रदारी के सेना के साथ अच्छे संबंध हैं। हाल ही में उन्हें कई देशों का दौरा करने के लिए भेजा गया था, जो उनके सत्ता में प्रभाव को दर्शाता है। यह सब मिलाकर, लगता है कि ज़रदारी के इस्तीफे और मुनीर के राष्ट्रपति बनने की ख़बरें सिर्फ़ अफ़वाहें हैं, जिनका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है।



