इंदौर के सुशील नथानियल का हुआ अंतिम संस्कार, पहलगाम हमले में हुए थे शहीद

इंदौर (पहलगाम आतंकवादी हमला) पहलगाम हमले में आतंकियों की गोली का शिकार बने इंदौर के सुशील नथानियल का अंतिम संस्कार आज जूनी इंदौर के कब्रिस्तान में किया गया। इससे पहले उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन और प्रार्थना सभा के लिए चर्च में रखा गया था। बुधवार की रात जब उनका पार्थिव शरीर एयरपोर्ट लाया गया, तो वहां का माहौल बेहद गमगीन हो गया। जैसे ही सुशील की पत्नी जेनिफर एयरपोर्ट से बाहर निकलीं और अपने परिवार को देखा, वो फूट-फूटकर रोने लगीं। उन्होंने अपनी बहन और भाभी को गले लगाकर खूब आंसू बहाए। वहीं, बेटा ऑस्टिन और बेटी आकांक्षा चुपचाप खड़े रहे, उनके चेहरों पर भी गहरा दुख साफ नजर आ रहा था। जब सुशील के रिश्तेदारों ने ताबूत पर फूल चढ़ाए, तो वो खुद को रोक नहीं पाए और ताबूत से लिपटकर रोने लगे। आसपास मौजूद बाकी परिवार वालों ने उन्हें संभालने की कोशिश की। सुशील अपने परिवार के साथ शनिवार को कश्मीर घूमने गए थे।
सरप्राइज देने का था शौक परिवार के लोगों का कहना है कि सुशील को अपने करीबियों को सरप्राइज देना बहुत पसंद था। इस बार भी बिना किसी को बताए ही घूमने निकल गए थे। जब वो वहां पहुंचे, तभी घरवालों को उनके जाने की खबर मिली। हंसमुख और सभी से जल्दी घुलमिल जाने वाले सुशील की इस तरह अचानक मौत ने पूरे परिवार को झकझोर दिया। दर्द से भरे पल, नम हुईं आंखें जब सुशील की डेड बॉडी उनके घर लाई गई, तो परिवार के लोग रो पड़े। बेटी के पैर में गोली लगने का जख्म, पत्नी और बेटे का दर्द देखकर हर किसी की आंखें भर आईं। सभी रिश्तेदार एक-दूसरे को ढांढस बंधाते नजर आए। दिनभर घर पर रिश्तेदारों और पड़ोसियों का आना-जाना लगा रहा। सुशील के छोटे भाई विकास के घर भी कई रिश्तेदार और जनप्रतिनिधि पहुंचे। सरकार से मिला पूरा सहयोग जब रात को वाहन के जरिए पार्थिव शरीर को घर लाया गया, तो मंत्री तुलसी सिलावट, विधायक रमेश मेंदोला और मोहल्ले के लोगों ने ताबूत को कंधा दिया। सुशील की भाभी, बहन और दूसरे रिश्तेदारों ने बताया कि सरकार ने कश्मीर से लेकर इंदौर तक हर मोर्चे पर पूरा साथ दिया। इंदौर में भी प्रशासन और पुलिस अधिकारी लगातार परिवार के संपर्क में बने रहे।