पी. सी. जॉर्ज के ‘लव जिहाद’ बयान पर मचा हंगामा, सीरो-मलाबार चर्च ने दिया समर्थन

केरल में सीरो-मलाबार चर्च ने बीजेपी नेता पी. सी. जॉर्ज का किया समर्थन, ‘लव जिहाद’ को लेकर दिए बयान पर बढ़ा विवाद
केरल के प्रभावशाली सीरो-मलाबार चर्च ने बुधवार को बीजेपी नेता पी. सी. जॉर्ज के समर्थन में बयान दिया। जॉर्ज पर यूथ कांग्रेस और कांग्रेस की अहम सहयोगी पार्टी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) द्वारा उनके ‘लव जिहाद’ से जुड़े दावों को लेकर तीखी आलोचना की जा रही है। उन्होंने दावा किया था कि सिर्फ मीणाचिल तालुका में ही 400 लड़कियां ‘लव जिहाद’ का शिकार हो चुकी हैं।
सीरो-मलाबार चर्च के पब्लिक अफेयर्स कमीशन ने अपने बयान में कहा कि जॉर्ज ने जो बातें “ड्रग तस्करी, प्रेम जाल और आतंकी गतिविधियों” को लेकर बोलीं, वे तथ्यों पर आधारित हैं। चर्च ने केंद्र और राज्य सरकारों से इन मुद्दों पर “उच्च स्तरीय जांच” की मांग की, ताकि पीड़ितों और उनके परिवारों की गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
बयान में यह भी कहा गया कि कुछ लोग जॉर्ज के बयान को धार्मिक रंग देकर विवाद खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं, जो निंदनीय है। कमीशन ने यह भी दावा किया कि ड्रग्स, प्रेम जाल और इससे जुड़ी घटनाओं की खबरें लगातार सामने आ रही हैं।“हाल ही में एक प्रमुख समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में एक युवक ने, जिसने खुद नशे की लत से मुक्ति पाई है, स्वीकार किया कि प्रेम जाल जैसी चीजें वास्तव में मौजूद हैं,”— कमीशन।
इसके अलावा, राज्य में बड़े पैमाने पर विस्फोटक और हथियारों की बरामदगी को भी चिंता का विषय बताया गया। कमीशन ने कहा कि इन घटनाओं के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिशों का होना गंभीर चिंता का विषय है।
चर्च ने यह भी कहा कि हर नागरिक की जिम्मेदारी बनती है कि वे धर्म और जाति से ऊपर उठकर उन लोगों को अलग-थलग करें जो धर्म आधारित राज्य की वकालत करते हैं और लोकतांत्रिक मूल्यों को ठेस पहुंचाते हैं।”धर्म या राजनीति के नाम पर चरमपंथी गतिविधियों को सही ठहराने की बजाय, हर किसी को ऐसे कदम उठाने चाहिए जो देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करें और नागरिकों को शांतिपूर्ण जीवन जीने में मदद करें,”— कमीशन।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
यूथ कांग्रेस और IUML के यूथ लीग कार्यकर्ताओं ने जॉर्ज के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। बुधवार को यूडीएफ विधायक ए. के. एम. अशरफ ने विधानसभा में भी यह मुद्दा उठाया और सरकार से पूछा कि जॉर्ज पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही?
गौरतलब है कि जॉर्ज, जो फिलहाल नफरत फैलाने वाले भाषण के एक केस में जमानत पर बाहर हैं, ने ईसाई परिवारों से अपील की थी कि वे अपनी बेटियों की शादी 24 साल की उम्र तक कर दें।
रविवार को केसीबीसी (KCBC) के टेम्परेंस कमीशन और पाला डायोसिस के बिशप जोसेफ कल्लरंगाट के नेतृत्व में आयोजित नशे के खिलाफ विशेष सम्मेलन में उन्होंने यह बयान दिया था।“सिर्फ मीणाचिल तालुका में ही हमने 400 लड़कियों को लव जिहाद में खो दिया। इनमें से सिर्फ 41 को वापस लाया जा सका है। पिछले शनिवार (8 मार्च) को ही एक 25 साल की लड़की रात 9:30 बजे चली गई। हम अब भी उसे ढूंढ रहे हैं,”— पी. सी. जॉर्ज।
‘लव जिहाद’ पर सरकार का रुख
‘लव जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल बीजेपी और दक्षिणपंथी नेता करते हैं, जो दावा करते हैं कि मुस्लिम पुरुष हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर शादी करने और धर्मांतरण कराने की साजिश रचते हैं।
हालांकि, 2020 में केंद्र सरकार ने संसद में कहा था कि ‘लव जिहाद’ का कोई कानूनी परिभाषा नहीं है और न ही किसी केंद्रीय एजेंसी ने इस तरह के किसी मामले की पुष्टि की है।
कुछ हफ्ते पहले ही जॉर्ज को एक अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने वाले बयान के मामले में गिरफ्तार किया गया था। वह एक टीवी चैनल की बहस के दौरान भड़काऊ बातें कहने के आरोप में न्यायिक हिरासत में भेजे गए थे, लेकिन 28 फरवरी को जमानत पर रिहा हो गए।