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जब ट्रंप ने कर दी भारत-पाक पर ‘मध्यस्थता’ की बात, तो विपक्ष ने पूछा – मोदी जी क्यों हैं खामोश?

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मोदी सरकार की चुप्पी: क्या अमेरिका का दबाव है?- भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बयान के बाद से सियासी गलियारों में घमासान मचा हुआ है। विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं और जवाब मांग रहे हैं।

 ट्रम्प का बयान और विपक्ष की चिंता- ट्रम्प ने दावा किया कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम में अमेरिका की अहम भूमिका रही। इससे कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों में चिंता है। कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि क्या भारत ने अमेरिका की मध्यस्थता को मंजूरी दी? क्या अब भारत-पाकिस्तान वार्ता किसी तटस्थ जगह पर होगी? और क्या भारत ने अमेरिका के दबाव में अपने बाजार खोले हैं? कांग्रेस नेता जयराम रमेश का कहना है कि मोदी जी को ‘डायलॉगबाजी’ नहीं, बल्कि ठोस जवाब देना चाहिए। देश को एकजुटता और कड़ी कूटनीति की जरूरत है, न कि एकतरफा बयानों की। पवन खेड़ा ने कहा कि ट्रम्प का बयान हर भारतीय को झकझोर देने वाला है और पीएम मोदी को इस पर देश को जवाब देना चाहिए।

 विपक्ष का आरोप: अमेरिका का दबाव और सरकार की चुप्पी- विपक्ष का मानना है कि ट्रम्प का यह बयान भारत की विदेश नीति पर अमेरिका के दबाव का संकेत है। उनका कहना है कि भारत की विदेश नीति हमेशा से द्विपक्षीय रही है, खासकर पाकिस्तान जैसे मुद्दों पर। अमेरिका की भूमिका को स्वीकार करना या चुप्पी साधना, दोनों ही देश के लिए चिंताजनक हैं। आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा कि जनता को ‘स्पीच’ नहीं, जवाब चाहिए। उन्होंने 2019 के ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम का भी जिक्र किया, जहां पीएम ने ट्रम्प सरकार के समर्थन की बात की थी। सीपीआई(एमएल) नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने पीएम की चुप्पी को सबसे चिंताजनक बताया और पहलगाम आतंकी हमले के बाद भी सरकार की खामोशी पर सवाल उठाए।

 संसद सत्र बुलाने की मांग- स्वतंत्र सांसद कपिल सिब्बल ने पीएम मोदी के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ वाले बयान पर तंज कसा और सवाल किया कि अगर यह नई ताकत है, तो किसी तीसरे देश को हमारे अंदरूनी मामलों में दखल कैसे मिला? उन्होंने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की ताकि सरकार इस मामले में स्पष्टीकरण दे सके और जनता की चिंता दूर हो सके। यह पूरा मामला देश की स्वायत्तता पर सवाल खड़ा करता है और सरकार से जवाब की मांग ज़रूर बनती है।

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