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व्हाइट हाउस: भारत के सख्त नियमों से अमेरिकी कंपनियों को अरबों डॉलर का नुकसान

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अमेरिकी टैरिफ और भारत: नए व्यापार नियमों का असर  अमेरिका ने भारत समेत कई देशों पर नए टैरिफ लगाए हैं, जिससे व्यापारिक माहौल में बड़ा बदलाव आ सकता है। व्हाइट हाउस के अनुसार, भारत के रसायन, टेलीकॉम प्रोडक्ट्स और मेडिकल उपकरणों जैसे सेक्टर में सख्त टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन नियम हैं, जो अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत में कारोबार करना महंगा और मुश्किल बना देते हैं। भारत के व्यापार नियमों पर अमेरिका की नाराजगी व्हाइट हाउस के बयान में कहा गया कि भारत “अपनी अनोखी और जटिल टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन प्रक्रिया” लागू करता है, जिससे अमेरिकी कंपनियों को परेशानी होती है। अगर ये बाधाएं हट जाएं, तो अमेरिका का भारत को निर्यात हर साल 5.3 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है। अमेरिका का “छूट वाला टैरिफ” और भारत पर असर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 26% “छूट वाला टैरिफ” लगाया है, जो कि भारत द्वारा अमेरिकी सामान पर लगाए गए 52% टैक्स का आधा है। ट्रंप ने भारत को “बहुत सख्त” बताया और कहा कि अमेरिका अब लंबे समय से चल रहे व्यापार असंतुलन को सुधारने की कोशिश कर रहा है। टैरिफ के जरिए अमेरिकी बाजार की सुरक्षा  व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप प्रशासन अमेरिकी उत्पादों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा और आर्थिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए जवाबी टैरिफ लगा रहा है। अमेरिका का दावा है कि कई देश, जिनमें भारत भी शामिल है, अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा टैक्स लगाते हैं, जिससे अमेरिकी कंपनियों को नुकसान होता है।

भारत और अन्य देशों पर लगने वाले नए टैक्स – वाहन: अमेरिका सिर्फ 2.5% टैरिफ लगाता है, जबकि भारत (70%) और यूरोप (10%) ज्यादा टैक्स वसूलते हैं। – नेटवर्किंग उपकरण : अमेरिका में 0% टैरिफ, लेकिन भारत 10-20% तक वसूलता है। – चावल: अमेरिका 2.7% टैरिफ लेता है, जबकि भारत (80%), मलेशिया (40%) और तुर्की (31%) वसूलते हैं।
– सेब: अमेरिका में सेब पर कोई टैरिफ नहीं, लेकिन भारत (50%) और तुर्की (60.3%) टैक्स लगाते हैं।  ट्रंप का बयान: ‘अमेरिका का पुनर्जन्म’ ट्रंप ने 2 अप्रैल 2025 को “मुक्ति दिवस” करार दिया और 185 देशों पर विभिन्न स्तरों के जवाबी टैक्स लागू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा, _”आज का दिन अमेरिका के औद्योगिक पुनर्जन्म का दिन है।”_ ट्रंप की तीखी प्रतिक्रिया राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, “दशकों से हमारे देश को लूटा और बर्बाद किया गया है। विदेशी कंपनियों ने हमारी नौकरियां छीन लीं और अमेरिकी उद्योगों को कमजोर कर दिया। लेकिन अब हम फिर से अमेरिका को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएंगे।”क्या होगा भारत पर असर? भारत को अब अमेरिका में अपने निर्यात को बनाए रखने और व्यापार नियमों में संतुलन लाने के लिए रणनीति बनानी होगी। भारतीय उद्योगों को भी अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए नए तरीकों की तलाश करनी पड़ सकती है।

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