तनाव के बीच पाकिस्तान ने कराची और लाहौर की हवाई सीमा पर लगाई पाबंदी

सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पाकिस्तान ने मई महीने में कराची और लाहौर के कुछ हिस्सों की हवाई सीमा हर दिन चार घंटे के लिए बंद करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही देशभर के सभी हवाई अड्डों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। यह जानकारी गुरुवार को एक मीडिया रिपोर्ट में दी गई। ये कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है जब पाकिस्तान और भारत के बीच तनातनी काफी बढ़ गई है, खासकर पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद। इस हमले के बाद इस्लामाबाद को डर है कि भारत कोई जवाबी कार्रवाई कर सकता है। एक आधिकारिक नोटिस के हवाले से एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि “1 मई से 31 मई के बीच हर दिन सुबह 4 बजे से 8 बजे तक ये सीमित हवाई क्षेत्र बंद रहेगा।” पाकिस्तान की सिविल एविएशन अथॉरिटी (CAA) का कहना है कि इस दौरान कमर्शियल उड़ानों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि विमानों को वैकल्पिक रास्तों से भेजा जाएगा। हवाई क्षेत्र को लेकर ये फैसला उस दिन के एक दिन बाद आया है जब पाकिस्तान की राष्ट्रीय एयरलाइंस ने सुरक्षा कारणों की वजह से गिलगित, स्कार्दू और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के दूसरे उत्तरी इलाकों के लिए सभी उड़ानें रद्द कर दी थीं।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव उस वक्त और बढ़ गया जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी, जिनमें ज़्यादातर पर्यटक थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश की सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि उन्हें इस हमले के जवाब में “पूरी तरह से ऑपरेशनल आज़ादी” है। यानी वो तय कर सकते हैं कि कब, कैसे और कहां कार्रवाई करनी है। वहीं बुधवार को पाकिस्तान ने कहा कि उसका इस आतंकी हमले से कोई लेना-देना नहीं है और अगर उसे उकसाया गया तो वो कड़ी प्रतिक्रिया देगा। उसी दिन डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस हमले की जांच किसी निष्पक्ष और स्वतंत्र एजेंसी से करवाई जाए। उनके साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफ़क़त अली खान भी मौजूद थे। इससे कुछ ही घंटे पहले पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तारड़ ने चेतावनी दी थी कि भारत की तरफ से 24 से 36 घंटे के अंदर सैन्य कार्रवाई हो सकती है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि ये फैसला पूरे हवाई क्षेत्र को बंद करने का नहीं है बल्कि सिर्फ कुछ चुनिंदा हिस्सों यानी “फ्लाइट इंफॉर्मेशन रीजन (FIR)” के भीतर कुछ खास रास्तों को लेकर लिया गया है। इसे एहतियातन सुरक्षा उपाय के तौर पर लागू किया जा रहा है।
अधिकारियों ने ये भी कहा कि कराची के जिन्ना इंटरनेशनल और लाहौर के अल्लामा इक़बाल इंटरनेशनल जैसे बड़े एयरपोर्ट्स से आने-जाने वाली हवाई सेवा सामान्य तरीके से चलती रहेगी, बस थोड़ी बहुत फेरबदल की जाएगी। बुधवार को एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने सभी फ्लाइट मूवमेंट्स के लिए नए निर्देश जारी किए, जिनमें विदेशी एयरलाइंस भी शामिल हैं जो पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से होकर गुजरती हैं। अधिकारियों का कहना है कि ये सारे कदम एहतियाती हैं और इनका मकसद मौजूदा तनावपूर्ण हालात में देश की हवाई सुरक्षा को मज़बूत करना है। इसके अलावा, भारत-पाक तनाव के मद्देनज़र पाकिस्तान ने देशभर के सभी एयरपोर्ट्स पर सुरक्षा और निगरानी कड़ी कर दी है और उन्हें हाई अलर्ट पर रखा है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने एविएशन सूत्रों के हवाले से बताया कि अब उन सभी विदेशी एयरलाइंस की सख्त निगरानी की जा रही है, जो भारत के हवाई क्षेत्र से होकर आती हैं या वहीं से उड़ान भरती हैं। भारत की एयरलाइंस पहले से ही पाकिस्तान में उड़ानें नहीं भर रहीं, लेकिन बाकी अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस की उड़ानों पर अब ज्यादा निगरानी रखी जा रही है। कंट्रोलर्स को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी संदिग्ध विमान के पायलट से उड़ान से पहले एयर डिफेंस क्लियरेंस नंबर मांगा जाए। अखबार ने बताया कि “कोई भी विमान तब तक उड़ान की इजाज़त नहीं पाएगा जब तक उसके सारे दस्तावेज और पहचान की पुष्टि नहीं हो जाती।”