बजट 2025; पहली बार 50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करेगी सरकार

बजट 2025: केंद्रीय सरकार का कुल खर्च पहली बार वित्त वर्ष 2025-26 में 50 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार करने का अनुमान है। इस कुल राशि में से 11.21 लाख करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे के विकास और दीर्घकालिक संपत्तियों के निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। यह जानकारी शनिवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट 2025-26 में दी गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने लगातार आठवें बजट में कुल खर्च को वित्त वर्ष 2025-26 में 50.65 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान के तहत कुल खर्च 47.16 लाख करोड़ रुपये किया गया है, जिसे पहले 48.20 लाख करोड़ रुपये रखा गया था। 2023-24 में यह खर्च 44.43 लाख करोड़ रुपये था। सरकार की पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) योजना के तहत इस वर्ष लगभग 1 लाख करोड़ रुपये कम खर्च होने का अनुमान है। 2024-25 में इसे 11.11 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 10.18 लाख करोड़ रुपये तक संशोधित किया गया है। 2025-26 में पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) का लक्ष्य 11.21 लाख करोड़ रुपये रखा गया है, जो देश की कुल GDP का 3.1 प्रतिशत होगा। पूंजीगत व्यय का मुख्य उद्देश्य बुनियादी ढांचे के निर्माण और दीर्घकालिक विकास परियोजनाओं में निवेश करना है। 2023-24 में पूंजीगत व्यय 9.49 लाख करोड़ रुपये था।
राज्यों को भी दी जाएगी मदद 2025-26 के बजट में 1.50 लाख करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त दीर्घकालिक कर्ज राज्यों को पूंजीगत व्यय के लिए दिया जाएगा, जिससे राज्यों के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी। राजकोषीय घाटा कम करने की योजना सरकार अपने खर्चों को पूरा करने के लिए कर वसूली और अन्य स्रोतों से धन जुटाती है, लेकिन एक बड़ी राशि बाजार से उधार भी ली जाती है। कुल खर्च और कुल प्राप्तियों (बिना ऋण वाली प्राप्तियां) के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) कहा जाता है। वित्त मंत्री ने 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटे को GDP के 4.4 प्रतिशत तक लाने का प्रस्ताव दिया है, जो मौजूदा वित्त वर्ष में 4.8 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 2023-24 में यह 16.54 लाख करोड़ रुपये या 5.6 प्रतिशत था। उधारी और टैक्स संग्रह का अनुमान वित्त वर्ष 2025-26 में सरकार की कुल प्राप्तियां (बिना उधारी के) 34.96 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जिसमें शुद्ध कर प्राप्तियां 28.37 लाख करोड़ रुपये होंगी। राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिए सरकार 11.54 लाख करोड़ रुपये बाजार से उधार लेगी, जो डेटेड सिक्योरिटीज और अन्य स्रोतों से जुटाए जाएंगे। वित्त मंत्री ने बताया कि शेष राशि छोटी बचत योजनाओं और अन्य स्रोतों से जुटाई जाएगी। कुल बाजार उधारी 14.82 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। आयकर से बढ़ेगी सरकारी आमदनी सरकार को उम्मीद है कि 2025-26 में आयकर से प्राप्त राजस्व 14.38 लाख करोड़ रुपये होगा, जो मौजूदा वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान 12.57 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।