26/11 के आरोपी की वापसी पर क्रेडिट का विवाद, चिदंबरम ने UPA सरकार की तारीफ की

तहव्वुर राणा प्रत्यर्पण मामला: 26/11 मुंबई हमले के गुनहगारों के खिलाफ भारत ने अपनी कार्रवाई और तेज कर दी है। अमेरिका ने इस हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा को भारत को सौंप दिया है। तहव्वुर राणा को भारत लाया जा चुका है और अब NIA ने उसे अपनी हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। इस पूरे मसले पर अब सियासी बहस भी शुरू हो गई है। चिदंबरम ने क्या कहा? कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने तहव्वुर राणा के भारत लाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “ये पूरी प्रक्रिया 2009 में शुरू हुई थी और 2011 में तब ज़्यादा तेज़ हुई जब अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने तहव्वुर राणा की पहचान पक्की कर ली थी।” उन्होंने कहा, “मैं विदेश मंत्रालय, हमारी खुफिया एजेंसियों और NIA को दिल से बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने इतनी लंबी और मुश्किल लड़ाई के बाद तहव्वुर राणा को भारत लाने में कामयाबी हासिल की।”
चिदंबरम ने मौजूदा सरकार का भी जताया शुक्रिया चिदंबरम ने आगे कहा, “जब UPA सरकार थी, तब सलमान खुर्शीद (जो उस वक्त विदेश मंत्री थे) और रंजन मथाई (तत्कालीन विदेश सचिव) ने इस काम में अहम भूमिका निभाई थी। मुझे पूरा यकीन है कि मोदी सरकार के दौरान भी कई विदेश सचिवों और मंत्रियों ने इस कोशिश में अपना योगदान दिया होगा।” उन्होंने ये भी कहा, “मैं अमेरिका की उस वक्त की सरकार और अब की सरकार दोनों का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने इस पूरे मामले में भारत का साथ दिया।” 2011 में दाखिल हुई थी चार्जशीट 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले के बाद NIA ने तहव्वुर राणा, डेविड हेडली और 9 दूसरे लोगों के खिलाफ 2011 में चार्जशीट दाखिल की थी। इनमें आतंकवाद फैलाने, हत्या, देश के खिलाफ साजिश रचने और विदेशी ताकतों के साथ मिलकर भारत पर हमला करने जैसे बेहद गंभीर आरोप शामिल थे। मुंबई हमलों में तहव्वुर राणा की भूमिका को देखते हुए भारत ने अमेरिका से उसे वापस भेजने की मांग की थी। इस पूरी प्रक्रिया में NIA की भूमिका सबसे अहम रही।