“अब सब सिर्फ कमाई के लिए नहीं होना चाहिए”: संजय दत्त ने बॉलीवुड की जुनूनभरी कमी पर कही दिल की बात

संजय दत्त का साउथ सिनेमा पर प्यार: बॉलीवुड से अलग एक नई शुरुआत-संजय दत्त ने हाल ही में एक इवेंट में बॉलीवुड की वर्तमान स्थिति पर अपनी राय रखी और साउथ सिनेमा में काम करने के अपने अनुभवों को शेयर किया। उन्होंने बताया कि कैसे बॉलीवुड ने अपना पुराना जुनून खो दिया है और अब सब कुछ सिर्फ पैसे और बॉक्स ऑफिस कलेक्शन तक सीमित हो गया है।
बॉलीवुड का खोया हुआ जुनून-संजय दत्त ने कहा कि पहले बॉलीवुड में फिल्में बनाने का एक अलग ही माहौल था। कलाकार और फिल्ममेकर दिल से काम करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। पैसे कमाना ही सब कुछ हो गया है। उन्होंने कहा कि आज बॉलीवुड में वह जुनून और समर्पण नहीं दिखता जो पहले हुआ करता था। फिल्में अब सिर्फ बिज़नेस बनकर रह गई हैं, कला नहीं।
साउथ सिनेमा में कला का सम्मान-उन्होंने बताया कि साउथ इंडस्ट्री में आज भी फिल्मों के प्रति एक अलग ही प्यार और सम्मान है। वहां सिनेमा को कला के तौर पर देखा जाता है, सिर्फ बिज़नेस नहीं। साउथ के फिल्ममेकर और कलाकार अपने काम में पूरी लगन और जुनून लगाते हैं। यह वातावरण संजय दत्त को बहुत पसंद आया।
प्रभास संग काम करने का अनुभव-संजय दत्त इन दिनों प्रभास के साथ फिल्म ‘द राजा साब’ में काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रभास के साथ काम करने का अनुभव बेहतरीन रहा है। प्रभास ने उन्हें सेट पर खूब प्यार दिया और संजय उनके हाथों का खाना भी खा रहे हैं। वह तेलुगू भाषा भी सीख रहे हैं ताकि अपने किरदार में पूरी तरह से ढल सकें।
साउथ स्टार्स के साथ रिश्ते-संजय दत्त ने चिरंजीवी के साथ अपने गहरे रिश्ते का जिक्र किया, जो ‘मुन्ना भाई’ जैसी फिल्मों से और मजबूत हुआ है। नागार्जुन को उन्होंने अपना दोस्त बताया और राम पोथिनेनी के साथ काम करने का अनुभव बेहतरीन बताया।
साउथ में काम करने का आनंद-संजय ने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा कि साउथ इंडस्ट्री में आने में देरी इसलिए हुई क्योंकि उन्हें वहां से कोई बुलावा नहीं आया था। लेकिन अब उन्हें वहां काम मिल रहा है और वो खुद को वहां ज्यादा सहज महसूस करते हैं। उन्होंने वहां के काम करने के तरीके और माहौल की तारीफ की।
एक्टिंग: जुनून से परे-संजय दत्त के लिए एक्टिंग सिर्फ एक करियर नहीं, बल्कि उनका जुनून है। उन्होंने कहा कि हिंदी सिनेमा को फिर से वो जुनून जगाना होगा जो इसे पहले खास बनाता था। शायद इसीलिए आज वो साउथ में खुद को ज़्यादा जुड़ा हुआ महसूस कर रहे हैं, जहाँ कंटेंट, जुनून और कलाकारों की इज़्ज़त सबसे ऊपर है।



