क्वाड देशों की सख्त चेतावनी: आतंकवाद, चीन की आक्रामकता और म्यांमार संकट पर एकजुट रुख

क्वाड की अहम बैठक: दिल्ली शिखर सम्मेलन से पहले बड़े फैसले-दिल्ली में होने वाले महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन से पहले, अमेरिका में क्वाड देशों (भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान) की एक अहम बैठक हुई, जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई और कई बड़े फैसले लिए गए।
पहलगाम आतंकी हमले की निंदा-हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की क्वाड देशों ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने हमले के दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की मांग करते हुए, संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों से इस मामले में सहयोग करने की अपील की है। यह हमले के षड्यंत्रकारियों और आतंकवादियों के लिए एक कड़ा संदेश है।
सीमा पार आतंकवाद पर चिंता-क्वाड ने सीमा पार आतंकवाद पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की, हालांकि किसी देश का नाम नहीं लिया गया। यह स्पष्ट संदेश है कि क्वाड आतंकवाद के किसी भी रूप को बर्दाश्त नहीं करेगा।
चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नज़र-दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों पर क्वाड ने गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बल प्रयोग से स्थिति बदलने की कोशिशों का विरोध किया, क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए एक स्पष्ट चेतावनी देते हुए।
समुद्री क्षेत्र में चीन की हरकतों की निंदा-चीन की समुद्री क्षेत्र में जहाजों की आवाजाही और हवाई उड़ानों को बाधित करने की रणनीति की कड़ी निंदा की गई। जल तोपों के इस्तेमाल और जहाजों को टक्कर मारने जैसी हरकतों को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बताया गया, जो अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है।
विवादों का शांतिपूर्ण समाधान-क्वाड ने समुद्री विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और अंतर्राष्ट्रीय कानून के पालन पर जोर दिया, 2016 के हेग ट्राइब्यूनल के फैसले को महत्वपूर्ण बताते हुए, जो चीन की नाइन-डैश लाइन नीति को अवैध ठहराता है।
खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला की सुरक्षा-क्वाड ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की सुरक्षा पर जोर दिया, खासकर महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति पर किसी एक देश की निर्भरता को खतरा बताया। गैर-बाजारी नीतियों और मूल्य नियंत्रण से आपूर्ति श्रृंखला को होने वाले नुकसान पर चिंता व्यक्त की गई।
‘पोर्ट्स ऑफ द फ्यूचर’ पहल-‘क्वाड पोर्ट्स ऑफ द फ्यूचर’ नामक नई साझेदारी की शुरुआत मुंबई से होगी। इसका उद्देश्य बंदरगाहों की तकनीकी और रणनीतिक क्षमताएं बढ़ाना और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में व्यापार को सुरक्षित बनाना है।
म्यांमार संकट पर चिंता-म्यांमार में राजनीतिक और मानवीय स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए, क्वाड ने सेना से संघर्षविराम का आह्वान किया और सभी पक्षों से बातचीत बढ़ाने को कहा। ASEAN के पांच सूत्रीय समझौते के क्रियान्वयन का समर्थन किया गया।



