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तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को लिखा खत: आरक्षण बढ़ाकर 85% करने की मांग, बुलाया जाए स्पेशल सेशन

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बिहार में आरक्षण: तेजस्वी का नीतीश को पत्र और राजनीतिक उठापटक-बिहार में आरक्षण की राजनीति फिर से गरमा गई है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर विशेष विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है, ताकि राज्य में कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण 85% तक बढ़ाया जा सके।

 85% आरक्षण की मांग और नया कानून-तेजस्वी यादव ने अपने पत्र में 85% आरक्षण की मांग करते हुए कहा है कि इसके लिए एक नया कानून बनाया जाए और उसे केंद्र सरकार को भेजा जाए ताकि उसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जा सके। नौवीं अनुसूची में शामिल होने से यह कानून अदालत में चुनौती से बच जाएगा। उन्होंने पहले 75% आरक्षण के फैसले को पटना हाईकोर्ट द्वारा रद्द किये जाने का भी जिक्र किया है।

जनगणना रिपोर्ट और हाईकोर्ट का फैसला-तेजस्वी ने 2023 में आरक्षण बढ़ाने के फैसले के लिए जातीय जनगणना रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें दलित और पिछड़ी जातियों की आबादी में बढ़ोतरी दिखाई गई थी। लेकिन हाईकोर्ट ने इस फैसले को ‘वैज्ञानिक अध्ययन’ के अभाव में रद्द कर दिया था। तेजस्वी का मानना है कि नए कानून से इस मुद्दे का समाधान हो सकता है।

 तमिलनाडु का उदाहरण और सामाजिक न्याय-तेजस्वी ने तमिलनाडु के 69% आरक्षण के उदाहरण का जिक्र किया जो संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल है। उनका कहना है कि बिहार भी ऐसा ही कर सकता है और सामाजिक न्याय को मजबूत बना सकता है।

 सर्वदलीय समिति और चुनावी माहौल-तेजस्वी ने सभी दलों की सहभागिता से एक सर्वदलीय समिति बनाने का सुझाव दिया है जो इस मुद्दे पर नया मसौदा तैयार करे। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ राजनीति का नहीं बल्कि सामाजिक न्याय का है और विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह मुद्दा और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

 बीजेपी पर तेजस्वी का हमला-तेजस्वी ने बीजेपी पर आरक्षण के खिलाफ होने का आरोप लगाया है और आरएसएस की विचारधारा को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि बीजेपी दलितों और पिछड़ों के हितों की बात करने में चुप्पी साध लेती है या फिर अड़ंगा लगाती है।

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