रणदीप हुड्डा की शादी की कहानी: जब हरियाणा के छोरे ने मणिपुर की लड़की से रचाया ब्याह

रणदीप हुड्डा की शादी: प्यार, परंपरा और एक अनोखी कहानी-रणदीप हुड्डा और लिन लैशराम की प्रेम कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। एक थिएटर ग्रुप से शुरू हुई ये यात्रा, मणिपुर में एक शानदार शादी में बदल गई। आइए जानते हैं इस खूबसूरत जोड़े की कहानी के रोमांचक पहलुओं के बारे में।
थिएटर से प्यार तक का सफ़र-रणदीप और लिन की मुलाकात नसीरुद्दीन शाह के थिएटर ग्रुप में हुई। दोस्ती प्यार में बदली और 2022 से साथ रहने के बाद, उन्होंने 29 नवंबर 2023 को मणिपुर में शादी रचाई। ये कहानी प्यार, संघर्ष और आपसी सम्मान से भरी है।
सुष्मिता सेन से लिन तक-रणदीप का नाम पहले सुष्मिता सेन से जुड़ा था, लेकिन अब लिन उनके जीवन का केंद्र हैं। लिन एक मॉडल और एक्ट्रेस हैं, जिनसे मिलने के बाद रणदीप को प्यार हो गया और उन्होंने अपनी जिंदगी साथ बिताने का फैसला किया। यह रिश्ता दिखाता है कि प्यार कभी भी, किसी भी रूप में, कहीं भी हो सकता है।
मणिपुर में शादी: संस्कृति का सम्मान-रणदीप मुंबई या हरियाणा में शादी कर सकते थे, लेकिन उन्होंने लिन के परिवार और संस्कृति का सम्मान करते हुए मणिपुर में पारंपरिक मैतेई रीति-रिवाजों से शादी की। यह फैसला दिखाता है कि प्यार में आपसी सम्मान कितना महत्वपूर्ण है।
‘जाट लड़की से शादी नहीं करूंगा’ मिथक का अंत-रणदीप ने बताया कि पहले उनके मन में यह धारणा थी कि वे जाट लड़की से शादी नहीं करेंगे। लेकिन प्यार ने सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ दिया और उन्होंने लिन को अपना जीवनसाथी चुना। यह एक प्रेरणादायक कहानी है जो दिखाती है कि प्यार सब कुछ पार कर जाता है।
शादी की मज़ेदार और अनोखी रस्में-शादी की रस्मों में रणदीप को हिलने-डुलने की इजाज़त नहीं थी, उन्हें एक कटोरा और छाता दिया गया था। हालांकि मज़ेदार लगता है, लेकिन यह परंपरा की गंभीरता को दर्शाता है। शादी के बाद उन्हें बताया गया कि अब वे भगवान जैसे हैं और दो घंटे तक सीधे बैठना पड़ा। यह अनुभव उनके लिए यादगार रहा और परंपरा के प्रति सम्मान को दर्शाता है। दोस्तों ने मज़ाक में कहा कि वे शादी करने आए हैं या तीर्थ यात्रा पर।
दो संस्कृतियों का संगम-रणदीप और लिन की शादी सिर्फ़ एक सेलिब्रिटी वेडिंग नहीं थी, बल्कि दो संस्कृतियों के मिलन का प्रतीक थी। यह शादी दिखाती है कि प्यार, सम्मान और समझ से रिश्ते कितने मज़बूत बनते हैं।



