ईरान पर अमेरिका का अब तक का सबसे बड़ा हमला: चुपचाप चली पूरी प्लानिंग

ईरान पर अमेरिका का गुप्त हमला: एक रात में सालों की तैयारी-यह हमला कोई अचानक घटना नहीं थी, बल्कि सालों की सावधानीपूर्वक योजना का नतीजा था। ईरान को इसकी भनक तक नहीं लगी। रविवार तड़के, अमेरिका ने ईरान के दो अहम यूरेनियम संयंत्रों पर 30,000 पाउंड के बम गिराकर ईरान के परमाणु कार्यक्रम को भारी नुकसान पहुंचाया।
मिसाइलों की बौछार और अचानक हमला-ऑपरेशन का नाम था ‘मिडनाइट हैमर’। अमेरिकी युद्धपोतों से दर्जनों क्रूज़ मिसाइलें दागी गईं, जिनसे ईरान के कई महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाया गया। अमेरिकी अधिकारियों ने इसे बेहद सटीक और प्रभावी हमला बताया, हालांकि ईरान ने नुकसान को कम करके दिखाया और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी।
B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स की चुपके से एंट्री-अमेरिका ने अपने सबसे खतरनाक B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया। ये बमवर्षक अमेरिका से उड़ान भरकर 420,000 पाउंड विस्फोटक लेकर ईरान पहुंचे। इनके साथ टैंकर और लड़ाकू विमान भी थे। ईरान को इनकी भनक तक नहीं लगी, जिससे वो कोई जवाबी कार्रवाई नहीं कर पाए।
धोखा और गुप्त रणनीति-इस हमले की सबसे बड़ी विशेषता इसकी पूर्ण गोपनीयता थी। हमले से नौ दिन पहले, इज़राइल ने ईरान की सेना और एयर डिफेंस को कमजोर किया। ट्रम्प ने जानबूझकर दो हफ्ते बाद हमले की बात कही ताकि दुनिया को गुमराह किया जा सके। एक समूह B-2 बॉम्बर्स को प्रशांत महासागर की ओर भेजा गया ताकि ध्यान भंग किया जा सके।
18 घंटे की उड़ान, बिना किसी रुकावट के-हमला करने वाले बॉम्बर्स पूर्व की ओर रवाना हुए और 18 घंटे की लंबी उड़ान के बाद पूर्वी भूमध्यसागर पहुंचे। अमेरिकी लड़ाकू विमान और खुफिया विमान इनके साथ थे। पेंटागन ने जो मार्ग दिखाया उसमें लेबनान, सीरिया और इराक शामिल थे, लेकिन इन देशों को पहले से नहीं बताया गया था।
ईरान के तीन ठिकानों पर हमला-हमले से एक घंटे पहले, अमेरिकी पनडुब्बी ने इस्फ़हान में यूरेनियम से जुड़े ठिकाने पर क्रूज़ मिसाइलें दागीं। फिर B-2 बॉम्बर्स ने 30,000 पाउंड के GBU-57 बम गिराए, जो ज़मीन के अंदर जाकर फटते हैं। ज़्यादातर बम फ़ोर्डो संयंत्र पर गिरे, कुछ नतांज और इस्फ़हान में भी। रेडिएशन का कोई खतरा नहीं था।
अब तक का सबसे बड़ा B-2 ऑपरेशन-इस हमले में 75 सटीक निशाने वाले हथियार इस्तेमाल हुए – 14 GBU-57 बम और 25 से ज़्यादा टॉमहॉक मिसाइलें। कुल 125 विमान इसमें शामिल थे। अमेरिकी रक्षा मंत्री ने इसे अब तक का सबसे बड़ा B-2 ऑपरेशन बताया। इसमें एक महिला पायलट भी शामिल थी।



