पाकिस्तान में मूसलाधार बारिश से तबाही: क्या सरकार तैयार थी इस संकट के लिए?

पाकिस्तान में बाढ़: 266 मौतें, हजारों बेघर-पाकिस्तान में लगातार हो रही बारिश और बाढ़ से भयानक तबाही मची हुई है। जून के अंत से शुरू हुई इस आपदा ने अब तक 266 लोगों की जान ले ली है, जिनमें 126 बच्चे भी शामिल हैं। हजारों घर तबाह हो गए हैं और बुनियादी ढांचा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ है।
बच्चों पर सबसे ज़्यादा असर-इस आपदा का सबसे ज़्यादा असर बच्चों पर पड़ा है। 126 बच्चों की मौत की खबर बेहद दुखद है। लगातार बारिश और बाढ़ से बचाव के लिए बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाना एक बड़ी चुनौती है। राहत कार्य में तेज़ी लाने की ज़रूरत है ताकि ज़्यादा जानमाल का नुकसान न हो। सरकार और राहत संगठनों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है ताकि बच्चों को सुरक्षा और आवश्यक सहायता मिल सके।
घर और बुनियादी ढाँचा तबाह-बारिश और बाढ़ से हज़ारों घर तबाह हो गए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के मुताबिक, 1250 से ज़्यादा घर पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं और 366 पशुओं की मौत हो गई है। हरिपुर में भूस्खलन से कई घर ध्वस्त हो गए और मुख्य सड़कें दो दिनों तक बंद रहीं, जिससे राहत कार्य में देरी हुई। सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त होने से लोगों तक मदद पहुँचाना मुश्किल हो रहा है। बुनियादी ढाँचे के पुनर्निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर प्रयासों की आवश्यकता है।
बाढ़ का खतरा अभी भी बना हुआ है-इंडस नदी में तरबेला डैम से पानी छोड़े जाने के बाद अटक जिले में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। चेनाब नदी में भी चिनियोट के पास निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। गिलगित-बाल्टिस्तान और स्वात में तेज बारिश से हालात और बिगड़ गए हैं। यहाँ कई जगह भूस्खलन और फ्लैश फ्लड की घटनाएँ हुई हैं। एनडीएमए लगातार हालात पर नज़र बनाए हुए है और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत कार्य में जुटा है। लेकिन, ज़रूरत इस बात की है कि राहत कार्य और तेज़ी से किया जाए ताकि लोगों को जल्द से जल्द मदद मिल सके।



